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गोरखपुर में मॉडल ग्रामों में प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, स्वच्छता की नई पहल

गोरखपुर मण्डल में स्वच्छ भारत मिशन को नई दिशा देने के लिए उपनिदेशक (पंचायत) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच मुक्त (ODF) ग्रामों की स्थिरता को बनाए रखना और ठोस व तरल अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करना था। पढिए पूरी खबर
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गोरखपुर में मॉडल ग्रामों में प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, स्वच्छता की नई पहल

गोरखपुर:   उत्तर प्रदेश के  गोरखपुर मण्डल में स्वच्छ भारत मिशन को नई दिशा देने के लिए उपनिदेशक (पंचायत) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य खुले में शौच मुक्त (ODF) ग्रामों की स्थिरता को बनाए रखना और ठोस व तरल अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करना था। सहजनवा, पिपरौली, पिपराइच, जंगल कौड़ियां, गोला, पाली सहित विभिन्न विकास खंडों के ग्राम पंचायत सचिवों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। उपनिदेशक ने सभी सचिवों को प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू करने का स्पष्ट निर्देश दिया, ताकि ग्रामों को स्वच्छ और मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जा सके।

ग्राम पंचायतों को ई-रिक्शा के माध्यम से कूड़ा संग्रहण…

इस पहल के तहत ग्राम पंचायतों को ई-रिक्शा के माध्यम से कूड़ा संग्रहण और रिसोर्स रिकवरी सेंटर (RRC) में इसके भंडारण व सेग्रीगेशन की प्रक्रिया को लागू करने के लिए कहा गया। उपनिदेशक ने ग्राम सभा की बैठकें आयोजित कर ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का सुझाव दिया। साथ ही, इस कार्य के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के लिए कई उपाय सुझाए गए, जिनमें राज्य वित्त आयोग के टाइड फंड का उपयोग, अजैविक कचरे की बिक्री, और वर्मी कंपोस्ट जैसे साधनों से आय अर्जित करना शामिल है। इन उपायों से न केवल कूड़ा प्रबंधन को बल मिलेगा, बल्कि ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
उपनिदेशक ने यह भी निर्देश दिया कि सभी सचिव अपने-अपने वॉट्सएप ग्रुप पर प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की तस्वीरें अनिवार्य रूप से साझा करें।

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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता…

इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि कार्य की प्रगति और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। यह पहल गोरखपुर के ग्रामों को स्वच्छता के क्षेत्र में एक नया मुकाम दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। यह प्रयास गोरखपुर के ग्रामों को मॉडल ग्राम बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

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