

नागपंचमी के अवसर पर देखा जाए तो गंगा तट पर मौजूद प्राचीत नागावासुकी मंदिर में काफी श्रद्धा और आस्था का शानदार नजारा देखा गया है। वहीं इस दौरान सुबह के समय से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
नागवासुकी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओ की भीड़,
Prayagraj News : नागपंचमी के अवसर पर देखा जाए तो गंगा तट पर मौजूद प्राचीत नागावासुकी मंदिर में काफी श्रद्धा और आस्था का शानदार नजारा देखा गया है। वहीं इस दौरान सुबह के समय से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। इस दौरान श्रद्धालु नाग देवताओं की पूजा करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान विशेष तौर पर कालसर्प से मुक्ति दिलाने को लेकर विधिपूर्वक ही अनुष्ठान किया गया है।
भगवान विष्णु की तरफ से स्थल की प्रार्थना...
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इस मंदिर में होने वाली पूजा व्यक्ति को जीवन की बाधाओं और ग्रहदोषो को लेकर छुटकारा मिलने लग जाता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक देखा जाए तो जब देवताओं और असुरों में अंमृत को लेकर समुद्र मंथन किया गया था तब ही नाग वासुकी द्वारा ही अहम भूमिका निभाया गया था। कई दिनों तक हुए मंथन के साथ ही उनका शरीर पूरी तरह से थक चुका था और उनके द्वारा भगवान विष्णु की तरफ से स्थल की प्रार्थना भी की गई।
पूजा को लेकर यह स्थल काफी मशहूर...
भगवान विष्णु द्वारा वरदान दिया था कि तुम्हारा पूरी तरह से विश्राम का स्थल प्रयागराज में रहने वाला है। इस दौरान से ही नागवासुकी देवता तट पर पूरी तरह से विराजमान हो गए थे। इस दौरान ही नागवासुकी मंदिर पूरी तरह से नींव रखी जा चुकी है। प्रयागराज नागवासुकी मंदिरों के लिए जाना जाता है। विशेष तौर पर देखा जाए तो कालसर्प दोष की पूजा को लेकर यह स्थल काफी मशहूर माना जाता रहा है। प्रयागराज मे स्थित नागवासुकी मंदिर में आपको देशभर से श्रद्धालु आते हुए देखने को मिल जाते हैं। इसकी मदद से वह विशेष पूजन विधि को भी कराते हैं।
पूरी श्रद्धा के साथ ही मंदिर में पहुंचना...
नाग पंचमी के दिन मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल जाती है। वहीं इस दौरान तमाम लोग अपने पूरी श्रद्धा के साथ ही मंदिर में पहुंचना पसंद करते हैं। इसके अलावा उनको मंदिर में पूरा आनंद मिल जाता है।