

जिले के फरेन्दा ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खजुरिया में वार्डेन अर्चना राय पर भ्रष्टाचार, विद्यालय की सामग्री बेचने, छात्राओं से निजी काम करवाने और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्य रसोइया पद से हटाई गई शशिकला पाल ने उच्चस्तरीय जाँच और अपनी बहाली की माँग करते हुए जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय
Maharajganj: फरेन्दा क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खजुरिया एक बड़े विवाद की चपेट में आ गया है। विद्यालय की वार्डेन अर्चना राय पर भ्रष्टाचार, विद्यालय की सामग्री की चोरी, खाद्यान्न और तेल की हेरा-फेरी, छात्राओं से जबरन काम कराने जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप किसी आम व्यक्ति ने नहीं बल्कि विद्यालय की मुख्य रसोइया शशिकला पाल ने लगाये हैं, जिन्हें हाल ही में संविदा समाप्त कर नौकरी से बाहर कर दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार शशिकला पाल का कहना है कि उन्होंने हमेशा ईमानदारी से काम किया लेकिन जब उन्होंने वार्डेन और उनके सहयोगियों की अनियमितताओं का विरोध किया तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अचानक व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से नौकरी समाप्ति की सूचना मिलने से शशिकला सदमे में आ गईं और उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा।
प्रार्थिनी शशिकला ने अपने शिकायती पत्र में 16 बिंदुओं पर वार्डेन और सहयोगियों पर संगीन आरोप लगाए हैं। इनमें प्रमुख आरोप शामिल हैं—
विद्यालय से 40 पंखों और गैस सिलेंडर की चोरी व बिक्री।
छात्राओं को मिलने वाली मच्छरदानी, नाइट सूट, बर्तन और बेडशीट का वितरण न करना।
छात्राओं का दूध और खाद्यान्न बाजार में बेच देना।
विद्यालय के चौकीदार का मोबाइल तक चुराना और शिकायत होने पर लौटाना।
छात्राओं से शौचालय और वार्डेन के आवास की सफाई करवाना।
9वीं-10वीं की लड़कियों को निजी कामों और वार्डेन के बच्चे को बस तक छोड़ने भेजना।
हाजिरी रजिस्टर में धांधली और फर्जी हस्ताक्षर कराना।
विद्यालय का भोजन खुद न खाना बल्कि छात्राओं से अलग खाना बनवाना।
इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी और अन्य जिम्मेदार अधिकारी वार्डेन के साथ मिलीभगत करके खाद्यान्न और सरसो के तेल की खुलेआम हेरा-फेरी करते हैं।
शशिकला पाल का कहना है कि वह कई बार अपनी शिकायत लेकर बीएसए, डीसी और यहाँ तक कि जिलाधिकारी तक पहुँचीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे, उनकी आवाज़ उठाने की कीमत उन्हें नौकरी गंवाकर चुकानी पड़ी।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कराई जाए, वार्डेन और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और साथ ही उन्हें पुनः रसोइया पद पर बहाल किया जाए।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खजुरिया की इस चौंकाने वाली कहानी ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। सवाल यह है कि जिन विद्यालयों का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा है, वहाँ यदि जिम्मेदार अधिकारी ही भ्रष्टाचार और शोषण में लिप्त पाए जाते हैं तो बच्चियों के भविष्य का क्या होगा? इस पूरे मामले में सीडीओ अनुराज जैन ने डाइनामाइट न्यूज को बताया को इस पूरे मामले की जांच करवाते है।