

नए संक्रमितों में 5 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। इनमें से एक 43 वर्षीय व्यक्ति 21 मई को चेन्नई से लौटा था। जबकि बाकी सभी मरीज नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही रह रहे थे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
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नोएडा: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मंगलवार को नोएडा में कोरोना वायरस संक्रमण के 8 नए मामले सामने आए हैं। जिससे राज्य में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 15 हो गई है। नोएडा में अब कुल 9 मरीज एक्टिव हैं, जो कि किसी एक जिले में सबसे अधिक हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि नए संक्रमितों में 5 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। इनमें से एक 43 वर्षीय व्यक्ति 21 मई को चेन्नई से लौटा था। जबकि बाकी सभी मरीज नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही रह रहे थे। इन संक्रमितों की उम्र 24 से 71 वर्ष के बीच है।
गाजियाबाद में भी केस, एक युवती अस्पताल में भर्ती
गाजियाबाद से भी कोरोना के मामलों की पुष्टि हुई है। बृज विहार की 18 वर्षीय युवती को खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत के बाद कोविड पॉजिटिव पाया गया। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है। इसके अलावा वसुंधरा में रहने वाला एक दंपती हाल ही में बेंगलुरु से लौटे थे और दोनों को सर्दी-खांसी की शिकायत थी। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। वैशाली में रहने वाली 37 वर्षीय महिला भी कोविड पॉजिटिव पाई गई है। जिसे डॉक्टर की सलाह पर आइसोलेशन में रखा गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक
राज्य में कोविड के मामलों में वृद्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 मई को एक उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में घबराने जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक स्थिति को देखते हुए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निगरानी और टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।
तेजी से फैलने वाला JN.1 वैरिएंट
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में सामने आए मामलों में JN.1 सब-वेरिएंट की भूमिका हो सकती है। यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन का एक प्रकार है, जो अगस्त 2023 में पहली बार सामने आया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था।
JN.1 में करीब 30 म्यूटेशन
JN.1 में करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक बनाते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट अधिक गंभीर बीमारी नहीं पैदा करता, लेकिन यह इम्युनिटी को कमजोर कर सकता है। इसके लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं और कुछ मामलों में लॉन्ग कोविड का खतरा भी हो सकता है।
लक्षण नजर आएं तो तुरंत जांच कराएं
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि घबराएं नहीं, लेकिन लापरवाही न बरतें। यदि किसी में बुखार, सर्दी, खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और कोविड जांच कराएं। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनने और हाथों की सफाई बनाए रखने की सलाह दी गई है।