‘चर्च आओ और मोटा पैसा ले जाओ’…फतेहपुर में 5 हजार परिवारों का धर्म बदलने वालों के सामने लाचार सिस्टम!

जिले में मिशनरी नेटवर्क के जरिए मतांतरण का एक पुराना और संगठित सिस्टम आज भी सक्रिय है। समाज सेवा की आड़ में बने इस जाल की जड़ें 140 गांवों तक फैल चुकी हैं। 2022 के खुलासे और मुकदमों के बाद भी सवाल यही है कि आखिर यह नेटवर्क आज तक कैसे जिंदा है?

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 31 December 2025, 3:10 PM IST
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Fatehpur: जिले के गांव-गांव में एक साइलेंट नेटवर्क पिछले कई सालों से काम कर रहा है। दिखावे में समाज सेवा, इलाज और रोजगार का सहारा, लेकिन भीतर ही भीतर मतांतरण का ऐसा जाल, जो अब प्रशासन की आंखों में चुभने लगा है। चेन सिस्टम पर खड़ा यह नेटवर्क न सिर्फ गांवों तक फैल चुका है, बल्कि हजारों परिवारों को अपने घेरे में ले चुका है। सवाल ये है कि जब संस्था जा चुकी, मुकदमे दर्ज हो चुके, फिर भी यह खेल आज तक कैसे चल रहा है?

मतांतरण का चेन सिस्टम, 140 गांवों तक पकड़

मिशनरी संगठनों से जुड़े लोगों ने जिले में मतांतरण का एक मजबूत चेन सिस्टम खड़ा कर लिया है। बताया जा रहा है कि जिले के करीब 140 गांवों में इनकी सक्रिय पकड़ है। इस नेटवर्क से 5 हजार से ज्यादा परिवार जुड़े हैं, जो हर रविवार चर्च और अन्य स्थानों पर होने वाली प्रार्थना सभाओं में शामिल होते हैं। एक परिवार दूसरे परिवार को जोड़ता है और इस तरह नेटवर्क लगातार फैलता चला जाता है।

World Vision की एंट्री और मजबूत नींव

करीब 17 साल पहले चेन्नई से आई संस्था वर्ल्ड विजन ने वर्ष 2008 में जिले में कदम रखा। सामाजिक और विकास कार्यों के नाम पर हसवा ब्लॉक के 31 गांवों को गोद लिया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी उन्मूलन के नाम पर काम शुरू हुआ, लेकिन इसी दौरान मिशनरी कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए। हसवा के साथ-साथ भिटौरा, ऐराया, बहुआ और विजयीपुर ब्लॉक तक इनकी पहुंच बन गई।

लालच, मदद और फिर मतांतरण

गरीब परिवारों को सिलाई मशीन, दुधारू पशु खरीदने के लिए पैसा, दवाइयों का वितरण किया गया। फंडिंग के दम पर पहले भरोसा जीता गया और फिर मत परिवर्तन की जमीन तैयार की गई। घरों में यीशु की तस्वीर और बाइबिल दी गई। नियमित प्रार्थना सभाओं में बुलाकर धीरे-धीरे मतांतरण के लिए प्रेरित किया जाने लगा। जुड़े परिवारों को नए लोगों को जोड़ने पर कमाई का लालच भी दिया गया।

2022 में खुलासा, लेकिन नेटवर्क बरकरार

वर्ष 2022 में शुआट्स के जरिए जिले में चल रहे मतांतरण के खेल का खुलासा हुआ। वर्ल्ड विजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, कार्यालय सील हुआ और संस्था फरार हो गई। जांच में यह भी सामने आया कि मतांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग हो रही थी। हालांकि संस्था के जाने के बाद भी उसका खड़ा किया गया नेटवर्क आज तक सक्रिय है।

पहले भी जेल जा चुके पादरी

शहर के ईसीआई और देवीगंज स्थित चर्चों में मतांतरण के आरोपों में कई मुकदमे दर्ज हुए। तत्कालीन एसआईटी जांच में पादरी विजय मसीह समेत कई लोगों को जेल भेजा गया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने फतेहपुर के पांचों मामलों को खारिज कर दिया।

“रविवार को चर्च आओ, मालामाल कर देंगे”

देवीगंज चर्च मामले के शिकायतकर्ता देवप्रकाश पासवान का आरोप है कि आरोपी गांवों में आकर कहते थे कि रविवार को चर्च आने पर 1100 रुपये मिलेंगे। न मानने पर धमकाने और बर्बाद करने की बात कही जाती थी। डर और लालच में कई गरीब परिवार मजबूर हुए, कुछ ने गांव तक छोड़ दिए।

Location : 
  • Fatehpur

Published : 
  • 31 December 2025, 3:10 PM IST

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