Chandauli News: पुरानी पेंशन को लेकर भड़के रेलकर्मी, 11 मांगों के साथ देशभर में गरजा आंदोलन

यूपी के चंदौली जिले में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में पूर्व मध्य रेलवे के स्टेशनों पर रेल कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन सहित 11 मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 9 July 2025, 5:20 PM IST
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Chandauli: पुरानी पेंशन योजना समेत 11 प्रमुख मांगों को लेकर आज पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर रेल कर्मचारियों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। यह आंदोलन ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज यूनियन द्वारा देशभर में हो रही केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में किया गया। कर्मचारियों की बड़ी संख्या ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्थित प्लांट डिपो में यूनियन की ओर से गेट मीटिंग आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता संगठन महामंत्री एस. के. शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन सिर्फ रेलकर्मियों की नहीं, बल्कि देशभर के मेहनतकश कर्मचारियों की आवाज है, जो लगातार सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों से प्रभावित हो रहे हैं।

11 प्रमुख मांगें, जिन पर अड़ी यूनियन

यूनियन की ओर से जिन 11 प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया, उनमें सबसे अहम है नई पेंशन योजना (NPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली। इसके अलावा, सरकार द्वारा लागू किए गए चार श्रम कानूनों को रद्द करने की भी मांग की गई, जिन्हें यूनियन श्रमिक विरोधी बता रही है।

अन्य महत्वपूर्ण मांगों में शामिल हैं

  • रेलवे में प्रतिवर्ष कर्मचारियों के पदों में की जा रही कटौती पर तत्काल रोक लगाई जाए
  • सभी रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाए
  • आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को बंद किया जाए
  • ठेका मजदूरों को स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन और सुविधाएं दी जाएं
  • आठवें वेतन आयोग का गठन करते हुए वेतन निर्धारण 6 सदस्यीय परिवार को आधार मानकर किया जाए
  • प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) का भुगतान 7वें वेतन आयोग के अनुसार किया जाए
  • 14/2 कानून और 55/30 सेवा समीक्षा नीति को समाप्त किया जाए
  • कर्मचारियों से 8 घंटे से अधिक ड्यूटी लेना रोका जाए

कर्मचारियों में दिखा आक्रोश

धरना स्थल पर चंद्रिका यादव, मृत्युंजय कुमार, अभिराम सिंह, अविनाश राज सहित यूनियन के सैकड़ों सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि यदि कर्मचारियों की आवाज नहीं सुनी गई, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज रेलवे जैसे रणनीतिक संस्थान में लगातार स्थायी नौकरियां खत्म कर संविदा और आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की सुरक्षा और भविष्य दोनों खतरे में हैं।

सरकार को दी चेतावनी

यूनियन नेताओं ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो यह सिर्फ धरना तक सीमित नहीं रहेगा। भविष्य में रेल चक्का जाम जैसे कठोर निर्णय भी लिए जा सकते हैं।

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