

यूपी के चंदौली जनपद में दुल्हीपुर में मोहर्रम का जुलूस निकालते समय जीटी रोड पर लगा जाम, पुलिस ने संभाला मोर्चा।
श्रद्धालुओं ने किया जंजीरी मातम
Chandauli: जनपद के मुगलसराय क्षेत्र के दुल्हीपुर में मोहर्रम के पांचवें दिन शिया समुदाय द्वारा पारंपरिक तरीके से जुलूस निकाला गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और पारंपरिक जंजीरी मातम कर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। दूरदराज से आए अकीदतमंदों ने अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद दुलदुल को दूध और जलेबी का भोग चढ़ाया। पूरे क्षेत्र में धार्मिक आस्था और उत्साह का वातावरण देखने को मिला।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सुबह से ही श्रद्धालुओं का जुटान दुल्हीपुर में शुरू हो गया था। दोपहर के समय जुलूस की शुरुआत हुई, जिसमें बड़ी संख्या में पुरुष, युवा और बच्चे शामिल हुए। उन्होंने पारंपरिक हथियारों और जंजीरों से मातम किया। इस दौरान 'या हुसैन' की सदाएं गूंजती रहीं। मातमी धुनों और नगाड़ों के साथ चल रहे इस जुलूस में लोगों की श्रद्धा देखते ही बनती थी।
जुलूस के मद्देनज़र जीटी रोड पर भारी भीड़ जुटी, जिसके कारण कुछ समय के लिए लंबा जाम लग गया। हालांकि प्रशासन की तत्परता से यातायात को सुचारू रूप से बहाल कर दिया गया। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों की कई टीमों को मौके पर तैनात किया गया था।
मोहर्रम पर दुल्हीपुर में उमड़ा जनसैलाब
मुगलसराय कोतवाली प्रभारी गगन राज सिंह ने बताया कि मोहर्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। दुल्हीपुर क्षेत्र में विशेष रूप से हेड कांस्टेबल संतोष यादव और हेड कांस्टेबल मेराज को ड्यूटी पर लगाया गया, ताकि कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी।
सड़क चौड़ीकरण के चलते पहले से ही कुछ मार्ग संकरे हो गए थे और बीते दिनों की बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। लेकिन जुलूस से पहले प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सड़कों की मरम्मत करवाई और यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए।
जुलूस में शामिल लोगों ने बताया कि मोहर्रम सिर्फ शोक का नहीं बल्कि सब्र और बलिदान का प्रतीक है। एक श्रद्धालु ने कहा, इमाम हुसैन ने इंसानियत और इंसाफ की खातिर अपनी कुर्बानी दी थी। हम उनकी याद में यह मातम करते हैं।
पूरे कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन का सहयोग किया और जगह-जगह जलपान और चिकित्सा शिविर लगाए गए।