

जब सजा सुनाई गई तो दोषियों में से एक विनीत चौधरी हंसते हुए बाहर निकला और बोला, “जो हुआ अच्छा हुआ। हमें न्याय मिला है।” निषाद पार्टी के नेता शिखर अग्रवाल को 7 साल की सजा मिली। उसका भी कहना है, “हमें पूरा भरोसा था कि न्याय मिलेगा।”
बुलंदशहर स्याना हिंसा
Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में आज (1 अगस्त 2025) को सात साल बाद बड़ा फैसला आया है। बुलंदशहर की विशेष अदालत ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के दोषी पाए गए 5 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, लेकिन इन आरोपियों के चेहरे पर दुख नहीं बल्कि खुशी देखने को मिली। इन पांच दोषियों में प्रशांत, डेविड, जोनी, राहुल और लोकेंद्र मामा शामिल हैं। कोर्ट ने इन सभी पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी खुशी-खुशी जेल गए
जब सजा सुनाई गई तो दोषियों में से एक विनीत चौधरी हंसते हुए बाहर निकला और बोला, "जो हुआ अच्छा हुआ। हमें न्याय मिला है।" निषाद पार्टी के नेता शिखर अग्रवाल को 7 साल की सजा मिली। उसका भी कहना है, "हमें पूरा भरोसा था कि न्याय मिलेगा।" सजा पाने वालों में कई राजनीतिक और सामाजिक चेहरे शामिल हैं। जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, बीजेपी, निषाद पार्टी के नेता और आरएसएस के नगर कार्यवाह भी दोषियों की सूची में हैं।
इंस्पेक्टर सुबोध के परिवार का क्या कहना है?
शहीद इंस्पेक्टर के बेटे श्रेय कुमार ने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, "हमने यह साबित किया कि जो लोग दोषी थे, उन्हें सजा मिली है। लेकिन हमारी लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती। यदि जरूरत पड़ी तो हम उच्च न्यायालय तक भी जाएंगे।"
क्या हुआ था 3 दिसंबर 2018 को?
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर से इलाके में तनाव फैल गया था। सूचना मिलते ही हिंदूवादी संगठन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।उन्होंने गोकशी के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। भीड़ ने गोवंश के अवशेष ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी तक पहुंचाया और हाईवे जाम कर दिया।
इन दो लोगों की हुई थी हत्या
जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। इस हिंसा में पुलिस चौकी जला दी गई और तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। इसी हिंसा में सुमित नामक युवक की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।