गोरखपुर के खजनी में खूनी खेल: बच्चों के विवाद में पिता-पुत्र को मारी गोली, आरोपी गिरफ्तार

गोरखपुर के खजनी में इस समय दहशत का माहौल बना हुआ है, लोग काफी डरे हुए हैं। बता दें कि कुछ दबंगों ने पिता और पुत्र को मारने की कोशिश की। जानें क्या है पूरा मामला

गोरखपुर, खजनी: बच्चों के मामूली विवाद ने उस वक्त खूनी रूप ले लिया, जब भगवानपुर गांव में ज्वेलरी कारोबारी उमेश जायसवाल और उनके बेटे रोहन को गोली मार दी गई। घटना से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा गया और गलियों में सिर्फ इसी वारदात की चर्चा हो रही है।

डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार घटना मंगलवार, 25 जून को शाम करीब 7 बजे की है। जब उमेश जायसवाल अपने बेटे रोहन के साथ दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, तभी पहले से घात लगाए बैठे दुर्गा सिंह उर्फ बबलू सिंह ने उन पर फायर झोंक दिया। गोली लगते ही दोनों गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। गांव वालों की मदद से उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया।

गिरफ्तारी और ताजा हालात
मिली जानकारी अनुसार घटना के बाद खजनी थानाध्यक्ष अनूप सिंह पुलिस टीम के साथ देर रात दबिश देकर आरोपी दुर्गा सिंह उर्फ बबलू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं और अग्रिम कार्यवाई की जा रही है।

घायल उमेश जायसवाल की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उनका बेटा रोहन जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार निगरानी में है।

क्या था पूरा मामला?
दरअस्ल: इस खूनी वारदात की जड़ें तीन महीने पुराने एक मामूली वॉलीबॉल के विवाद में छिपी हैं। उस समय बच्चों के झगड़े के बाद मामला शांत हो गया था। लेकिन दो दिन पहले रास्ते से आने-जाने को लेकर दोनों पक्षों में फिर बहस हुई। आरोप है कि इसी दौरान उमेश जायसवाल बबलू सिंह के घर पहुंच गए और वहां कहासुनी हो गई।

पहले ही दे दी थी पुलिस को सूचना
बबलू ने भाला निकाल लिया, जिससे उमेश पीछे हट गए। उसके बाद 25 जून की देर शाम घात लगाए बैठे बबलु सिंह पिता पुत्र को गोली मार दी। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने इस मामले की जानकारी खजनी थाने को पहले ही दे दी थी, लेकिन पुलिस ने समय रहते कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। यदि पुलिस सतर्क होती, तो यह वारदात टाली जा सकती थी।

गांव में दहशत का माहौल
घटना के बाद भगवानपुर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों में दहशत है और हर जुबान पर सिर्फ यही सवाल है, क्या बच्चों के झगड़े में गोली चलाना जरूरी था? गांव के बुजुर्ग से लेकर युवाओं तक ने घटना की निंदा की है और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस गोलीकांड ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर पहले ही सख्ती बरती जाती, तो दो परिवारों की जिंदगी तबाह होने से बच सकती थी।

खजनी थानाध्यक्ष अनूप सिंह मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। गांव में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी गांव में मार्च कर रही है। फ़िरहाल गांव मव सन्नाटा पसरा हुआ है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 26 June 2025, 11:01 AM IST