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यूपी की बड़ी खबर: सीजेएम बलरामपुर का क्लर्क गिरफ्तार, धर्मांतरण से जुड़े तार

उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग के बहुचर्चित छांगुर बाबा नेटवर्क से जुड़ी जांच में शनिवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस बार बलरामपुर जिला एवं सत्र न्यायालय के क्लर्क राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी का आधार उसकी पत्नी संगीता देवी और मुख्य आरोपी छांगुर बाबा के बीच संदिग्ध आर्थिक संबंध हैं।
Post Published By: Poonam Rajput
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यूपी की बड़ी खबर: सीजेएम बलरामपुर का क्लर्क गिरफ्तार, धर्मांतरण से जुड़े तार

Lucknow: उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग के बहुचर्चित छांगुर बाबा नेटवर्क से जुड़ी जांच में शनिवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस बार बलरामपुर जिला एवं सत्र न्यायालय के क्लर्क राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी का आधार उसकी पत्नी संगीता देवी और मुख्य आरोपी छांगुर बाबा के बीच संदिग्ध आर्थिक संबंध हैं।

कोर्ट क्लर्क से धर्मांतरण नेटवर्क तक कनेक्शन

सूत्रों के अनुसार,  छांगुर बाबा और उसके सहयोगी नवीन रोहरा ने महाराष्ट्र के पुणे जिले के कुनेनामा गांव में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी। इस जमीन के मुनाफे में संगीता देवी को भी हिस्सा मिला हुआ था। इसी कड़ी में राजेश उपाध्याय का नाम सामने आया और उसे एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।

जमीन सौदे की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग

एटीएस ने खुलासा किया है कि छांगुर और उसके सहयोगियों ने जमीन की खरीद-फरोख्त को मनी लॉन्ड्रिंग का माध्यम बनाया। यह नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण का नहीं, बल्कि आर्थिक और वैचारिक आतंक का जाल है, जिसमें सरकारी कर्मचारी भी संलिप्त पाए जा रहे हैं। छांगुर केस में अब तक कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अप्रैल में छांगुर के बेटे महबूब और सहयोगी नवीन उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन 18 जुलाई को बलरामपुर से रशीद , 19 जुलाई को शहाबुद्दीन और मो. सबरोज और 20 जुलाई को बलरामपुर कोर्ट के क्लर्क राजेश उपाध्याय को गिरफेतार किया है।

विदेशी फंडिंग और स्विस अकाउंट्स का खुलासा

सबसे चौंकाने वाला पहलू नीतू उर्फ नसरीन के नाम से स्विट्जरलैंड में बैंक अकाउंट का सामने आना है। धर्मांतरण के नाम पर शारजाह, दुबई और भारत से जुटाए गए करोड़ों रुपये इन खातों में ट्रांसफर किए गए। छांगुर ने शेल कंपनियों और सहयोगियों के नाम पर कुल 22 बैंक अकाउंट खोले, जिनसे अब तक 60 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा 10 महंगी संपत्तियों के दस्तावेज, जिनकी कुल कीमत लगभग 40 करोड़ है, भी बरामद हुए हैं।

एटीएस की जांच और बढ़ी

हालांकि अभी तक पनामा पेपर्स या इंटरनेशनल टैक्स हेवन से कोई सीधा लिंक नहीं मिला है, लेकिन एटीएस की टीम अब अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रेल और विदेशी नेटवर्क की जांच कर रही है।

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