महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है। बता दें, निचलौल क्षेत्र के भेड़ीहारी में नारायणी नदी के तटबंध पर चल रहे सीसी ब्लॉक निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितता पर अब रोक लगा दी गई है और गुणवत्ता में सुधार ला दिया गया है।
दरअसल, लगभग एक हफ्ते पहले ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि नारायणी नदी के किनारे चल रहे ठोकर निर्माण के कार्यों में बेहद अनियमितता बरती जा रही है। जिसकी ख़बर को डाइनामाइट न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आई और जांच के बाद उपयोग किए जा रहे घटिया सामग्री को बदल दिया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नारायणी नदी नेपाल राष्ट्र से निकलकर उत्तर प्रदेश के आखिरी छोर पर बसे महराजगंज से जनपद होते हुए बिहार राज्य की तरफ निकल जाती है। बरसात के समय में नारायणी नदी अपने उफान पर होती है ऐसे में नदी के तटबंध के किनारे बसे सैकड़ों गांव के स्थाई निवासी हर वक्त दहशत में रहते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान स्थाई ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के समय में नारायणी नदी का पानी हर साल बांध से करीब एक मीटर ऊपर तक चला जाता है। जिस वजह से सभी ग्रामीण बाढ़ के दौरान पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में अब नारायणी नदी के तटबंध पर बन रहे सीसी ब्लॉक से पानी का बहाव कम होगा और बाढ़ के दौरान पानी गांव में घुसने से बच सकेगा।
करीब पांच साल पहले का मंजर यह था कि लगातार कई वर्षों तक पानी के तेज बहाव के चलते नदी में कटान हो जाता था और पानी गांवों में घुस कर तबाही मचाने लगता था। ग्रामीणों को अपनी रात भय के माहौल में गुजारनी पड़ती था।
निर्माण में भारी अनियमितता आई थी सामने
भेड़िहारि में नारायणी नदी के तटबंध पर बाढ़ से सुरक्षा के लिए बनाए जा रहे सीसी ब्लॉक निर्माण में भारी अनियमितता सामने आई थी। डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि ब्लॉक निर्माण में नियमों को ताक पर रखकर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। नियमों के मुताबिक जहां मोरंग बालू और छोटी गिट्टी का इस्तेमाल होना चाहिए था, वहां सिल्ट युक्त बालू और सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली धूल वाली बड़ी गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है।
जब मौके पर डाइनामाइट न्यूज़ की टीम पहुंची, तो पहले से बने सीसी ब्लॉक हाथों से पकड़ने पर ही टूटने लगे। पानी का मामूली दबाव भी इन सीसी ब्लॉकों को ध्वस्त कर सकता था। ऐसे में जब नेपाल द्वारा नारायणी नदी में पानी छोड़ा जाता और जलस्तर बढ़ेता, तो इन कमजोर ब्लॉकों का टूटना तय था, जिससे नारायणी नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते थे। लेकिन हाल ही में नारायणी नदी के तटबंध पर चल रहे सीसी ब्लॉक निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितता पर अब रोक लगा दी गई है और गुणवत्ता में सुधार ला दिया गया है।

