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यूपी के भदोही जनपद में अस्थायी पीपा पुल से आवागमन पूरी तरह बंद कर दिए जाने से स्थानीय लोगों को भारी समस्या झेलना पड़ रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
डेंगूपुर गंगा घाट पर पुल बंद
भदोही: कोइरौना थाना क्षेत्र के डेंगूपुर गंगा घाट पर बने अस्थायी पीपा पुल से अब न केवल चार पहिया बल्कि दो पहिया वाहनों का भी आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे यहां के स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अब गंगा पार करने के लिए केवल नाव ही एकमात्र विकल्प बचा है। यह घाट प्रयागराज, मिर्जापुर और भदोही के कई क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है और यहां प्रतिदिन हजारों लोग आवागमन करते थे। पीपा पुल के बंद होने से इन लोगों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डेंगूपुर, धनतुलसी और कोनिया जैसे गंगा किनारे बसे गांवों के लोग लंबे समय से यहां पक्का पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। कई वर्षों से यह मांग शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने रखी जा रही है, लेकिन अब तक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। इस पक्के पुल का इंतजार ग्रामीणों का सपना बन चुका है, जिसका कब और कैसे निर्माण होगा, यह अनिश्चितता बनी हुई है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अस्थायी पीपा पुल कई बार खराब होता रहा है, जिससे आवागमन में बाधा आती रही है। अब जब यह पुल पूरी तरह बंद कर दिया गया है, तो गंगा नदी पार करने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। हालांकि नाव से सफर करना कठिन और असुविधाजनक है, लेकिन बरसात के दिनों में यह सफर बेहद जोखिम भरा हो जाता है। इसके अलावा, सड़क मार्ग से भदोही या प्रयागराज जाना हो तो लोगों को कई किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे समय और पैसा दोनों का नुकसान होता है।
नावों पर आवाजाही करते स्थानीय लोग
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह समस्या नई नहीं है। हर चुनाव के समय नेता पुल निर्माण का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही यह मुद्दा भूलेख में चला जाता है। इस अस्थिरता का सबसे बड़ा असर छात्रों, किसानों, व्यापारियों और रोजाना काम-काज से आने-जाने वाले आम लोगों पर पड़ता है। इन सभी के लिए यह आवागमन एक बड़ी चुनौती बन गई है।
स्थानीय निवासी अब शासन-प्रशासन से पुनः जोरदार मांग कर रहे हैं कि डेंगूपुर घाट पर एक स्थायी और मजबूत पुल का निर्माण जल्द किया जाए। उनका कहना है कि इससे ना केवल उनकी आवाजाही में आसानी होगी, बल्कि पूरे क्षेत्र का विकास भी संभव हो सकेगा। इससे ग्रामीणों को गंगा पार करने के लिए नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा और बरसात के मौसम में सुरक्षा की चिंता भी खत्म होगी।
स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है और जल्द ही समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। वहीं ग्रामीण इस आशा में हैं कि उनकी पीड़ा को समझा जाएगा और उनकी दशकों पुरानी मांग का समाधान निकाला जाएगा।