बरहज विधायक का मीटिंग में गुस्सा फूटा, अधिकारियों को दी खुली चुनौती! जानें क्या कहा?

दिशा समिति की बैठक में बरहज विधायक ने अधिकारियों पर भड़ास निकालते हुए मीटिंग छोड़ दी। जर्जर सड़कों को लेकर नाराज विधायक ने पीडब्ल्यूडी और बीएसए को धमकाया, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 4 July 2025, 10:17 AM IST
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Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सियासी हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि नवीन सभागार में आयोजित दिशा समिति की महत्वपूर्ण बैठक में बरहज के भाजपा विधायक दीपक मिश्र उर्फ शाका ने गुस्से में आगबबूला होकर मीटिंग छोड़ दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दौरान उन्होंने न केवल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को कड़े शब्दों में खरी-खोटी सुनाई, बल्कि धमकी भरे लहजे में कहा, "मैं तुम्हारी औकात दिखा दूंगा। मैं चल रहा हूं, डाक बंगले पर मिलो, वहीं बात होगी।" इस घटना ने जिले के राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है और लोग विधायक के इस तीखे रवैये पर चर्चा कर रहे हैं।

दिशा समिति की बैठक में लगाया आरोप

दरअसल, दिशा समिति की यह बैठक देवरिया सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में हो रही थी, जिसमें जिले के दोनों सांसद, सभी विधायक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य जिले के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना था, लेकिन बरहज विधायक ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सभागार से बाहर निकल गए।

विधायक का कहना था कि देवरिया-बरहज मार्ग, जो भलुअनी से करुवना तक जाता है और दो जनपदों को जोड़ता है, पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में है। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन सालों से वे विधानसभा में इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और संबंधित विभाग इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

भाजपा विधायक ने क्या जताई नाराजगी?

दीपक मिश्र ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "देवरिया बरहज मार्ग जिसमें भलुअनी से लेकर करुवना तक रास्ता एकदम जर्जर हो गया है। यह मार्ग एक जनपद से दूसरे जनपद को जोड़ने का कार्य करता है। विगत तीन वर्षों से मेरे द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा उठाया जा रहा है। परंतु जिले के आला अधिकारी हमारे विधानसभा की उपेक्षा कर रहे हैं। इसको लेकर मैं काफी आहत हूं। दिशा मीटिंग में चाय पीना और फॉर्मेलिटी पूरा करने का कोई मतलब नहीं है। जिले के अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। इनके ऊपर किसी तरीके का कोई अंकुश नहीं है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण बरहज क्षेत्र की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बैठक में रहे उपस्थित

बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों में सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, सलेमपुर विधायक विजय लक्ष्मी गौतम, रामपुर कारखाना विधायक सुरेंद्र चौरसिया और जिले के तमाम वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। विधायक के इस रवैये ने न केवल बैठक का माहौल गरमा दिया, बल्कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया। जहां एक ओर विधायक क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गुस्से में हैं, वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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