बाराबंकी: ग्रामीणों में कब्जा परिवर्तन को लेकर आक्रोश, कब तक मिलेगा न्याय?

बाराबंकी के देवकली गांव में नियमों के विरुद्ध भू-संपत्ति पर कब्जा परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से कुछ लोगों का कब्जा उनके पुस्तैनी खेतों पर कराया गया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 November 2025, 4:47 PM IST
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Barabanki: बाराबंकी के देवकली गांव में नियमों के विरुद्ध भू-संपत्ति पर कब्जा परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों में तीव्र आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से कुछ लोगों का कब्जा उनके पुस्तैनी खेतों पर कराया गया है। वे न्याय के लिए बार-बार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।

पुस्तैनी खेतों पर कब्जा परिवर्तन का विवाद

ग्रामीण दीनदयाल, पुत्र अमरसिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत में स्थित उनका खेत पुस्तैनी कब्जे में है और राजस्व अभिलेखों में उनके नाम दर्ज है। गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन किसानों का कब्जा परिवर्तन नहीं कराया गया। 1992 में बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी के आदेश के अनुसार कब्जा परिवर्तन को रोक दिया गया था। तब से लेकर आज तक पुराने कब्जे में कोई बदलाव नहीं हुआ और किसान अपने पुराने चक पर ही काबिज हैं।

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अवैध कब्जा और प्रशासन की मिलीभगत

पीड़ितों के अनुसार, 18 अक्टूबर 2025 को देवकली के हल्का लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार बिना किसी सूचना या नोटिस के गांव पहुंचे। उन्होंने जबरन असंद्रा थाना क्षेत्र के अनवार, पुत्र मोहम्मद वसीम का कब्जा करवा दिया। किसानों ने लाख बार विरोध किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। दीनदयाल ने बताया कि उनकी धान की फसल खेत में अभी तक खड़ी है, और प्रशासन की मिलीभगत से वहां पर प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया गया। इसी तरह, मोहम्मद तारिक और सतनाम के खेतों के साथ भी यही कार्यवाही हुई।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि 1992 के कब्जा परिवर्तन रोकने के आदेश के बावजूद यदि किसी के पास कोई नया आदेश है, तो उसे दिखाया जाए और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर कब्जा परिवर्तन करना है, तो संपूर्ण ग्राम पंचायत के सभी चकों का नियम के अनुसार ही परिवर्तन किया जाए। अन्यथा पुरानी व्यवस्था ही लागू रहने दी जाए।

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न्याय की उम्मीद

पीड़ित ग्रामीण दीनदयाल, तारिक और विश्वनाथ ने कहा कि वे न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं और लगातार अधिकारियों से अपनी बात रख रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन सभी किसानों के हित और नियमों का पालन सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में कोई अन्याय न हो।

 

Location : 
  • Barabanki

Published : 
  • 22 November 2025, 4:47 PM IST