

जनपद के कुसमरा कस्बे की रहने वाली ज्योति अग्रिहोत्री ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत ₹5 लाख के ऋण के लिए आवेदन किया था। योजना के तहत यह ऋण बिना किसी रिश्वत या अतिरिक्त शुल्क के स्वीकृत होना चाहिए था
मैनपुरी जनपद के कुसमरा कस्बे की रहने वाली ज्योति अग्रिहोत्री ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत ₹5 लाख के ऋण के लिए आवेदन किया था। योजना के तहत यह ऋण बिना किसी रिश्वत या अतिरिक्त शुल्क के स्वीकृत होना चाहिए था, लेकिन हकीकत इससे एकदम उलट सामने आई। ज्योति का कहना है कि आवेदन के बाद जब बैंक के फील्ड ऑफिसर राघवेन्द्र उनके यहाँ सर्वे करने आए, तो उन्होंने ₹20,000 की मांग की। उन्होंने यह रकम “खर्चा-पानी” कहकर मांगी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद, ज्योति ने अपने मित्र से ₹10,000 उधार लेकर मौके पर ही फील्ड ऑफिसर को सौंप दिए। ज्योति ने अपने आरोप में यह भी स्पष्ट किया है कि रिश्वत देने के समय प्रतीक तिवारी, ऋतिक बाथम और अभिनव कुमार नामक तीन स्थानीय युवक मौजूद थे। यानी यह कोई एकतरफा आरोप नहीं है, बल्कि प्रत्यक्षदर्शियों की उपस्थिति में यह घटना हुई। इसके बावजूद बैंक अधिकारियों ने लोन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया।