Balarampur News : जिले में संचालित अवैध मदरसों पर प्रशासन का एक्शन जारी, 23 के खिलाफ कार्रवाई

जिला प्रशासन द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर संचालित मदरसों के विरुद्ध कार्यवाही जारी है। अब तक जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा 23 मदरसों के विरुद्ध कार्रवाई गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

बलरामपुर: भारत-नेपाल सीमा पर अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। प्रशासन ने अब तक जिले में कुल 23 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को बंद करवाया है। ताजा कार्रवाई में बॉर्डर एरिया के तुलसीपुर क्षेत्र में स्थित तीन अवैध मदरसों को बंद किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रशासन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालित अवैध शिक्षण संस्थानों पर निगरानी तेज कर दी गई है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जिले में संचालित सभी मदरसों की जांच कराई जा रही है, जिसके तहत अब तक 23 मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

मदरसे दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य ने जानकारी दी कि हाल ही में तुलसीपुर क्षेत्र के निरीक्षण में तीन गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भंगहा कला का मदरसा अहले सुन्नत साबिरूल उलूम, भचकहिया का मदरसा अहले सुन्नत गौसिया फैजुल उलूम और नंदमहरा का अब्दुल अजीज अहले सुन्नत मदरसा मानकों पर खरे नहीं उतरे। इन सभी संस्थानों को कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन संचालक मान्यता से संबंधित जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहे।

छात्रों के भविष्य और सुरक्षा को खतरा

यशवंत मौर्य ने बताया कि शासन की मंशा है कि जिले में शिक्षा व्यवस्था पारदर्शी और नियमों के अनुरूप संचालित हो। अवैध रूप से चल रहे मदरसे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य और सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं। इसी उद्देश्य से विभाग द्वारा लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है।

शिक्षण संस्थानों की गहन जांच

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसे सभी शिक्षण संस्थानों की गहन जांच की जाएगी और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जो भी संस्थान बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर रोक

प्रशासन की इस सख्ती से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि अब जिले में अवैध और गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में है, बल्कि छात्रों के हितों की रक्षा का भी प्रयास है।

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