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जनपद संभल में इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ईद उल अजहा की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुफ्ती आलम रजा नूरी मुफ्ती एक सिरसी
संभल: जनपद संभल में इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ईद उल अजहा (बकरीद) की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। मरकजी मदरसा सुन्नत अजमल उल उलूम में मरकजी रुयते हिलाल कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुफ्तियों और उलेमाओं ने सर्वसम्मति से घोषणा की कि 29 मई 2025 को चांद देखा गया है। इस आधार पर इस्लामी महीना जिलहिज्जा की पहली तारीख 30 मई को मानी जाएगी और ईद उल अजहा आगामी 7 जून 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस अवसर पर मुफ्ती आलम रज़ा नूरी, मुफ्ती-ए-सिरसी ने मुस्लिम समुदाय से शांति और सौहार्द के साथ त्योहार मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुर्बानी केवल अल्लाह की रज़ा और उसकी खुशी के लिए करें, इसमें किसी प्रकार का दिखावा न हो। उन्होंने विशेष रूप से यह हिदायत दी कि प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न की जाए और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के फोटो व वीडियो अपलोड करने से परहेज किया जाए, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
मुफ्ती साहब ने सफाई व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुर्बानी के बाद गंदगी फैलाना, नालियों में खून बहाना और अव्यवस्थित तरीके से अवशेष छोड़ना न केवल अनुचित है बल्कि इससे लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच सकती है। उन्होंने नगर प्रशासन के सहयोग से साफ-सफाई में भागीदारी की अपील भी की।
इस घोषणा के साथ ही संभल जिले में बकरीद की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गई हैं। बाजारों में रौनक लौट आई है, कपड़े, मिठाइयों और कुर्बानी के जानवरों की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। खासकर बच्चों और युवाओं में त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
मुफ्ती आलम रज़ा नूरी ने अंत में कहा कि यह त्योहार त्याग, बलिदान और अल्लाह की इबादत का प्रतीक है। इसे सादगी, संयम और इंसानियत के साथ मनाना ही इसकी सच्ची भावना है। प्रशासन भी त्योहार को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुट गया है।
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