

उत्तर प्रदेश के बदायूं में उस वक्त बदमाशों का आंतक देखने को मिला, जब कुछ बदमाशों ने एक परिवार पर घातक हमला कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बदायूं में बदमाशों का आतंक
बदायूं: ढोल-नगाड़ों पर भजन गाते हुए मुंडन संस्कार से लौट रहे परिवार पर मुस्लिम युवकों की भीड़ ने हमला कर दिया। सोमवार देर शाम दर्जनों हमलावरों ने सड़क पर बाइक लगाकर हिंदू परिवार की ट्रैक्टर-ट्रॉली को घेर लिया। इसके बाद लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से सभी की पिटाई की गई। महिलाओं से छेड़छाड़ की गई और उनके जेवर लूट लिए गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, हमले में घायल 30 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका आरोप है कि हमलावरों के भागने के बाद पुलिस पहुंची। देर रात पीड़ित पक्ष ने प्रधान समेत 10 लोगों को नामजद करते हुए तहरीर दी। पुलिस ने देर रात तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अलापुर में ट्रैक्टर-ट्रॉली सवार लोगों से मारपीट के बाद पुलिस पहुंची।
ट्रैक्टर में महिलाएं भजन गा रही थीं। सिमरिया गांव निवासी उनके बेटे अंकित का मुंडन संस्कार था। शाम सात बजे सैंजरी स्थित शिव मंदिर पर मुंडन संस्कार के बाद अंकित, उसका परिवार और रिश्तेदार ट्रैक्टर-ट्रॉली से गांव लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि महिलाएं ढोलक पर मंगलगीत और भजन गा रही थीं। मुस्लिम बाहुल्य कुटरई गांव के चौराहे पर ढोलक और मंजीरे की आवाज सुनकर कुछ युवक पास आए। वे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ गए। थोड़ा आगे बढ़े तो देखा कि कई मुस्लिम युवक सड़क पर अपनी बाइक बेतरतीब ढंग से खड़ी करके खड़े थे।
आरोपियों ने ट्रैक्टर रोक लिया और हमला कर दिया। उन्हें देखकर चालक ने ट्रैक्टर रोका तो आरोपियों ने हमला कर दिया। वे सभी ट्रॉली में घुस गए और मारपीट करने लगे। विरोध करने पर हमलावरों ने गांव से अपने कई अन्य साथियों को बुला लिया। लाठी-डंडों के हमले से किरन, अंकित, कविता, उर्मिला समेत 30 लोग घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर कुछ राहगीरों ने थाने पर फोन कर दिया।
आरोप है कि काफी देर बाद थाना प्रभारी उदयवीर सिंह पहुंचे। तब तक आरोपी भाग चुके थे। एसडीएम और थाने का फोर्स भी पहुंच गया। बाद में एसडीएम सदर मोहित कुमार और सीओ केके तिवारी कई थानों की फोर्स के साथ पहुंच गए। उन्होंने घटना की जानकारी के लिए एसएसपी को भी फोन किया, लेकिन उनका नंबर नहीं मिला। अंकित का आरोप है कि ढोलक बजाने और भजन आदि गाने को लेकर दूसरे समुदाय के युवकों ने हमला किया। इसमें प्रधान ने गांव के अन्य लोगों को भड़काया था।