Ateeq Ahmed News: क्या जेल में चल रहा था अंदरखाने सौदा? अली अहमद की बैरक से नकदी मिलने पर दो अफसर सस्पेंड

प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की हाई सिक्योरिटी बैरक से नकदी मिलने के बाद जेल प्रशासन में खलबली मच गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 19 June 2025, 6:25 PM IST
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प्रयागराज: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की हाई सिक्योरिटी बैरक से नकदी मिलने के बाद जेल प्रशासन में खलबली मच गई है। मंगलवार को डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव की रूटीन चेकिंग के दौरान अली की बैरक की तलाशी ली गई, जहां ₹1100 नकद बरामद किए गए। यह घटना जेल की सुरक्षा व्यवस्था और अंदरूनी संचालन पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक   जेल अधीक्षक रंग बहादुर के मुताबिक, अली अहमद को ये नकदी एक मुलाकाती के जरिए दी गई थी। नियमानुसार, जेल में कैदियों को नकदी रखने की अनुमति नहीं होती। उन्हें अगर सामान खरीदना है तो जेल कूपन प्रणाली के तहत कूपन खरीदकर उपयोग करना होता है। लेकिन अली ने इन रुपयों से कूपन नहीं खरीदे, बल्कि उन्हें छुपाकर बैरक में रख लिया, जो डीआईजी की जांच में पकड़ में आ गया।

साजिश या मिलीभगत का हिस्सा

इस चूक को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया है। साथ ही डीआईजी ने पूरे मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। अब जेलर से लेकर अन्य स्टाफ की भूमिका भी जांच के दायरे में है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह पूरा मामला किसी साजिश या मिलीभगत का हिस्सा तो नहीं।

गैंग आईएस-227 की कमान भी संभाल ली

गौरतलब है कि अली अहमद इस समय हाई रिस्क कैदी के तौर पर जेल में बंद है। वह एक रंगदारी मांगने के मामले में सरेंडर करने के बाद जेल में है। इसके साथ ही वह चर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने का भी आरोपी है। सूत्रों के मुताबिक, पिता अतीक अहमद की मौत के बाद अली ने गैंग आईएस-227 की कमान भी संभाल ली है।

बड़े रैकेट का पर्दाफाश

ऐसे में उसकी बैरक से नकदी मिलना न केवल सुरक्षा तंत्र की विफलता दर्शाता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि जेल के भीतर गैंग के संचालन के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। यह घटना प्रशासन को झकझोरने के लिए काफी है। अगर जांच में और खुलासे होते हैं, तो जेल माफिया गठजोड़ के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।

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