

लखनऊ में बकरीद के त्योहार को लेकर पुलिस प्रशासन और उलमा के बीच एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
लखनऊ में बकरीद को लेकर बैठक
लखनऊ: आगामी बकरीद के त्योहार को शांति और सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से आज इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में पुलिस प्रशासन और शहर के प्रमुख उलमा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस विभाग के कई बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें प्रमुख रूप से DCP, एडीसीपी, और विभिन्न थानों के प्रभारी शामिल थे। वहीं, उलमा की तरफ से शहर के जाने-माने धर्मगुरु, विशेषकर मौलाना खालिद फिरंगी महली के साथ कई अन्य प्रतिष्ठित धार्मिक नेता भी मौजूद रहे।
क्या है बैठक का मुख्य एजेंडा ?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, बैठक का मुख्य एजेंडा बकरीद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन और आपसी समन्वय बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित रहा। अधिकारियों ने त्योहार के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन की तैयारियों से उलमा को अवगत कराया। साथ ही, उलमा से भी अपील की गई कि वे लोगों को शांति और भाईचारे का संदेश दें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दें।
मौलाना खालिद ने हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन
बता दें कि मौलाना खालिद फिरंगी महली ने बैठक में मौजूद सभी लोगों का स्वागत किया और त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उलमा हमेशा से ही प्रशासन के साथ मिलकर काम करते आए हैं और इस बार भी वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बकरीद का त्योहार आपसी प्रेम और सद्भाव के साथ मनाया जाए।
बैठक में मौजूद अन्य धर्मगुरुओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और त्योहार के दौरान आने वाली संभावित समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि आपसी सहयोग और समन्वय से ही त्योहार को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सकता है।
पुलिस अधिकारियों ने लोगों से की अपील
पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या समस्या नजर आती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन त्योहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
यह बैठक बकरीद की तैयारियों के मद्देनजर एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन और धर्मगुरुओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सकेगा और त्योहार को शांतिपूर्वक मनाने में मदद मिलेगी।