

उत्तर प्रदेश के इटावा के कथावाचक प्रकरण पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई इस मामले पर बयान देता रहता है।
सीएम योगी के बायन पर अखिलेश यादव का पलटवार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इटावा के कथावाचक प्रकरण पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई इस मामले पर बयान देता रहता है, इस पूरे विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए सपा पर निशाना साधा और जाति संघर्ष का जिक्र किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अब सीएम योगी के बयान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वही लोग जाति संघर्ष पैदा करना चाहते हैं जो भगवान को भी अपनी जाति से जोड़ रहे हैं। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि किसी का अपमान नहीं होना चाहिए, शिखा नहीं काटनी चाहिए और हाथों पर पेशाब नहीं लगना चाहिए, ऐसा कोई सभ्य व्यक्ति नहीं कर सकता।
वहीं अखिलेश यादव ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर कहा कि यह उनकी मजबूरी है कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का सदस्य बनना पड़ता है। अगर उन्हें कमल का निशान चाहिए तो सदस्य बनना पड़ेगा। सीएम बीजेपी के सदस्य इसलिए हैं क्योंकि उन्हें पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के नीचे चुनाव लड़ना है, वरना वह बीजेपी के सदस्य नहीं हैं।
उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद नहीं पढ़ा, क्योंकि उनकी बीजेपी में कोई रुचि नहीं थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग आरक्षण और संविधान के खिलाफ हैं, जो संविधान के खिलाफ हैं, वो आरक्षण के खिलाफ हैं। जो लोग आरक्षण के खिलाफ सीधे तौर पर नहीं बोल सकते, तो वो समाजवादियों से बात करते हैं और कहते हैं कि समाजवाद शब्द को हटा देना चाहिए। जिनके दिमाग में नकारात्मक राजनीति भरी हुई है, वो समाज में दीवार खड़ी करके राजनीति करना चाहते हैं, जाति और धर्म में भेदभाव करके वोट हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि बीजेपी के लोग पिछले दरवाजे से कुछ भी कर सकते हैं और पीठ पीछे किसी से भी हाथ मिला सकते हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि लोकतंत्र रहेगा, संविधान रहेगा, तो हमारा और आपका अधिकार रहेगा। सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाए हैं तो बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर साजिश कर रही है, बीजेपी के हर जगह स्लीपर सेल हैं।