Aligarh News: AIMIM ने ईद उल अजहा पर नमाज को लेकर उठाई बड़ी मांग, सियासी गलियारों में मची हलचल

AIMIM पार्टी ने जिले में ईद के दिन विशेष व्यवस्थाओं की मांग की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 3 June 2025, 4:12 PM IST
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अलीगढ़: ओवैसी की पार्टी AIMIM के पदाधिकारियों द्वारा ईद उल अजहा को लेकर प्रशासन से की गई मांगों ने अलीगढ़ समेत प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी ने जिले में ईद के दिन विशेष व्यवस्थाओं की मांग की है और मौजूदा सरकार पर धार्मिक भेदभाव का आरोप भी लगाया है।

सड़कों पर नमाज की मांग से गरमाई सियासत

AIMIM के जिला अध्यक्ष यामीन अब्बासी ने प्रशासन से मांग की है कि जिस प्रकार अन्य समुदायों को सड़कों पर धार्मिक आयोजन करने की अनुमति दी जाती है। उसी तरह मुस्लिम समुदाय को भी ईद के दिन चंद मिनटों के लिए सड़कों पर नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि नमाज एक शांतिपूर्ण धार्मिक क्रिया है जो कुछ ही मिनटों में संपन्न हो जाती है।

बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था को लेकर सौंपा ज्ञापन

यामीन अब्बासी ने बताया कि हर वर्ष ईद पर मुस्लिम समुदाय को बिजली, पानी और साफ-सफाई की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस बार त्योहार से पहले ही इन समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसे ACM अलीगढ़ ने प्राप्त किया है। ज्ञापन में नगर निगम से साफ-सफाई, बिजली की निर्बाध आपूर्ति और पानी की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

कुर्बानी के जानवरों को लाने-ले जाने में सहयोग की मांग

पार्टी पदाधिकारियों ने यह भी मांग की है कि ईद के मौके पर कुर्बानी के जानवरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में मुस्लिम समुदाय को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से विशेष सहयोग और सुरक्षा देने की अपील की है।

सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप

AIMIM नेताओं ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार एक विशेष समुदाय के खिलाफ भेदभाव कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कांवड़ यात्रा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों को सड़कों पर आयोजित करने की अनुमति दी जाती है, तो मुस्लिमों को नमाज के लिए ऐसी अनुमति क्यों नहीं मिल सकती?

अनुमति न मिलने पर सड़कों पर नमाज की चेतावनी

पार्टी पदाधिकारियों ने साफ कहा कि यदि प्रशासन द्वारा समय रहते अनुमति नहीं दी गई, तो मुस्लिम समुदाय सड़कों पर ही नमाज अदा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह मांग किसी टकराव के लिए नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द और समान अधिकार की भावना के तहत की गई है।

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