

प्रयागराज के पवित्र बाघंबरी मठ में सावन पूर्णिमा के अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन हुआ। भगवान बांघबरेश्वर महादेव का वैदिक विधियों से अभिषेक, हवन-यज्ञ और प्रार्थनाएं की गईं। इस दौरान उत्तराखंड आपदा में प्रभावित लोगों की शांति और देश में सुख-समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की गई। बाघंबरी मठ का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जब देश संकट में हो, तब आध्यात्मिक एकजुटता और सामूहिक प्रार्थना से भी राहत और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। इस अवसर पर कई राज्यों से पधारे वैदिक विद्वानों और पंडितों ने धार्मिक विधियों का संचालन किया।
श्रावण पूर्णिमा पर हवन यज्ञ का आयोजन
Prayagraj: सावन मास की पूर्णिमा पर प्रयागराज स्थित ऐतिहासिक बाघंबरी मठ में विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। महंत बलबीर गिरी जी महाराज के नेतृत्व में बांघबरेश्वर महादेव का अभिषेक, हवन-यज्ञ और विशेष प्रार्थना संपन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और शिष्यमंडली ने भाग लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस मौके पर उत्तराखंड में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा, बादल फटने और भारी बारिश से हुई तबाही को ध्यान में रखते हुए, आपदा में मृतकों की आत्मा की शांति और पीड़ितों की सुरक्षा एवं पुनर्निर्माण के लिए विशेष हवन और प्रार्थना की गई। महंत बलबीर गिरी ने बताया कि भगवान शिव से यह प्रार्थना की गई कि देशभर में सावन के दौरान आई सभी विपदाएं शांत हों और जनजीवन सामान्य हो सके।
बांघबरेश्वर महादेव का विशेष पूजन
सावन माह में बाघंबरी मठ में प्रतिदिन विधिपूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजन किया जाता है। पूर्णिमा के दिन इसका विशेष महत्व होता है। मठ परिसर में सुबह से ही वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई दी और श्रद्धालु शिव की आराधना में लीन दिखाई दिए।
देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
पूरे देश से श्रद्धालु, संत, महंत और अनुयायी बाघंबरी मठ में इस धार्मिक आयोजन में भाग लेने पहुंचे। पूर्णिमा के अवसर पर महंत बलबीर गिरी जी महाराज की अगुवाई में यज्ञ मंडप में वैदिक विद्वानों द्वारा विधिवत हवन संपन्न हुआ। इसमें भगवान शिव से देश के कल्याण, पर्यावरण की रक्षा और समाज में शांति की कामना की गई।
उत्तराखंड के लिए विशेष प्रार्थना
महंत बलबीर गिरी ने कहा, “उत्तराखंड में जो भीषण प्राकृतिक त्रासदी घटी है, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है। हम भगवान शिव से यही प्रार्थना करते हैं कि ऐसे संकट फिर कभी न आएं और जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें हिम्मत और राहत मिले।”
हवन यज्ञ में उच्च कोटि के वैदिक विद्वानों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई राज्यों से पधारे वैदिक विद्वानों और पंडितों ने धार्मिक विधियों का संचालन किया। यज्ञ में आहुति देते समय “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…”* जैसे मंत्रों की गूंज से पूरा मठ परिसर भक्तिमय हो उठा। इस दौरान, भगवान बांघबरेश्वर महादेव का वैदिक विधियों से अभिषेक, हवन-यज्ञ और प्रार्थनाएं की गईं।