Site icon Hindi Dynamite News

यमराज 5 बार भूले रास्ता, लेकिन छठी बार सीधे पहुंचे कानपुर, मां और भाइयों की आंखों में सिर्फ पछतावा

कानपुर में आत्महत्या की छठी कोशिश एक युवक की मौत का कारण बन गई। पहले पांच बार फांसी से बच गया, लेकिन इस बार रस्सी टूटी और सिर फर्श से टकराने से मौत हो गई।
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
यमराज 5 बार भूले रास्ता, लेकिन छठी बार सीधे पहुंचे कानपुर, मां और भाइयों की आंखों में सिर्फ पछतावा

Kanpur: कहते हैं मौत जब तक दस्तक नहीं देती, तब तक कोई उसे बुलाकर भी नहीं ला सकता। कानपुर के खालीपुर गांव में रहने वाले 28 वर्षीय हिमांशु की कहानी इस कहावत को हकीकत में बदलती नजर आई। पिछले दो सालों में उसने पांच बार आत्महत्या की कोशिश की थी, हर बार मौत उसके दरवाजे तक तो आई लेकिन भीतर नहीं दाखिल हुई। कभी फंदा खुल गया, कभी दरवाजा टूट गया और कभी रस्सी ढीली पड़ गई। मगर छठी बार किस्मत ने ऐसा खेल खेला कि मौत ने फांसी से नहीं, फर्श पर गिराकर उसकी जान ले ली।

नशे की लत ने की जिंदगी तबाह

हिमांशु एक फैक्ट्री में काम करता था, लेकिन उसकी शराब और अन्य नशे की आदत ने उसकी पूरी जिंदगी को बर्बाद कर दिया था। नशे में झगड़े, मारपीट और आत्महत्या की धमकियां रोज़ की बात हो गई थी। परिजनों के अनुसार जब भी घर में तनाव बढ़ता, वह खुद को मार डालने की बात करता और फंदा लगाने की कोशिश करता।

Deoria News: नदी के बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण हुए हताश, प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी

मां से हुआ आखिरी झगड़ा, ऊपर गया और…

घटना वाली रात भी हिमांशु शराब के नशे में था। अपनी मां से बहस के बाद वह ऊपर वाले कमरे में चला गया। मां को आशंका थी कि कहीं वह फिर से जान न दे दे। कुछ देर बाद जब मां ऊपर पहुंची तो दरवाजा बंद था। खिड़की से झांककर देखा तो हिमांशु जमीन पर पड़ा था, सिर से खून बह रहा था और शरीर निःसंचार था।

मौत का असली कारण क्या?

जांच में सामने आया कि हिमांशु ने इस बार भी फांसी लगाई थी, लेकिन रस्सी बीच में ही टूट गई। गिरने के दौरान उसका सिर फर्श से टकराया, जिससे गंभीर चोट और ब्रेन हेमरेज हो गया। इस बार किसी को उसे बचाने का मौका नहीं मिला। डीसीपी दक्षिण डीएन चौधरी ने बताया कि इसे दुर्घटनावश हुई मौत माना जा रहा है। हालांकि, आत्महत्या की कोशिश की पुष्टि हुई है।

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का कड़ा रुख, हल्द्वानी तहसील में प्रशासनिक लापरवाही का मामला उजागर

मां और भाइयों की आंखों में सिर्फ पछतावा

परिजनों का कहना है कि हिमांशु नशे में धुत होकर अक्सर हिंसक हो जाता था। उसने अपने भाइयों को मारकर घर से निकाल दिया था और मां के साथ ही रहता था। मां से लगाव जरूर था, लेकिन शराब का नशा हर रिश्ते पर भारी पड़ता गया। भाई ने बताया, “हमने उसे पांच बार बचाया, लेकिन इस बार सब खत्म हो गया।”

Exit mobile version