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गोरखपुर सड़क हादसे में युवक की मौत; परिजनों में कोहराम, मासूम बेटी के सिर से उठा पिता का साया

गोरखपुर जनपद में एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे गांव में हड़कंप मचा के रख दिया और एक परिवार का लाडला छीन लिया। पूरी घटना जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
Post Published By: Tanya Chand
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गोरखपुर सड़क हादसे में युवक की मौत; परिजनों में कोहराम, मासूम बेटी के सिर से उठा पिता का साया

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मासूम बच्ची के सिर से उसके पिता का साया उठ चुका है। बता दें कि गोलाबाजार क्षेत्र में 16 जून की शाम चिलवां गेट के पास कौड़ीराम रोड पर हुए दर्दनाक हादसे ने बेलनापार गांव के अजय शर्मा की जिंदगी को एक झटके में छीन लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार 24 वर्षीय अजय अपने गांव के एक युवक को बाइक से कौड़ीराम छोड़ने गए थे। लौटते वक्त रात करीब साढ़े सात बजे वह चिलवां गेट से महज़ कुछ ही कदम दूर थे कि अचानक सामने से आ रही तेज रफ्तार चार पहिया गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि अजय सड़क पर गिर पड़े और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।

अजय के कंधों पर थी परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी
बता दें कि अजय गांव के मेहनती और जिम्मेदार युवकों में गिने जाते थे। पिता शिवानंद शर्मा के बड़े बेटे थे और परिवार की आर्थिक ज़िम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। उनकी दो साल की मासूम बेटी अब हमेशा के लिए अपने पिता की गोद से वंचित हो गई है। गांव में इस वक्त शोक की लहर है। अजय का हंसमुख चेहरा हर किसी के जेहन में बसी उसकी मददगार छवि अब बस यादों में रह जाएगी।

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
शिवानंद की आंखें अब बेटे की राह नहीं, बल्कि उसकी मासूम बेटी के भविष्य की चिंता में डबडबाई रहती हैं। घटना की जानकारी मिलते ही गोला सीओ और स्थानीय पुलिस बल मौके पर पहुंचा। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल पुलिस अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है।

हादसे में उजड़ा पूरा परिवार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह हादसा केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे परिवार की दुनिया को उजाड़ गया है। साथ ही यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी सड़कों पर सुरक्षा अब भी सिर्फ एक विकल्प है, आवश्यकता नहीं? अजय तो चला गया, लेकिन उसकी यादें, उसके संघर्ष और अधूरी रह गई जिम्मेदारियां आज भी गांव की हर गली में गूंज रही हैं।

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