

आगरा में सड़क के गड्ढे ने छीन ली 18 साल के नैतिक की जान। परिवार का इकलौता सहारा था बेटा। प्रशासन की लापरवाही से उजड़ा एक और घर, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं। एक होनहार युवक की जान चली गई एक परिवार उजड़ गया। लेकिन यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं है। सड़कों के गड्ढे शहर में चलती-फिरती मौत बन चुके हैं। सवाल यह है कि क्या नगर निगम, PWD और प्रशासन को किसी की जान जाने के बाद ही चेतना आएगी?
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Agra: आगरा में एक सड़क के गड्ढे ने 18 साल के युवक की जिंदगी छीन ली। आदर्श नगर बल्केश्वर निवासी नैतिक बंसल की स्कूटर वाटर वर्क्स जीवनी मंडी मार्ग पर गड्ढे में फिसल गई। जिससे वह गिर पड़ा और पीछे से आ रहे एक कैंटर की चपेट में आ गया। इस हादसे में उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। नैतिक अपने घर का इकलौता कमाने वाला था। उसके पिता दीपक बंसल तीन महीने से लकवे के कारण बिस्तर पर हैं। बेटा ही उनकी देखभाल करता था, घर चलाता था और छोटी बहन की पढ़ाई का जिम्मा भी उसी के कंधों पर था। नैतिक की असमय मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
रोजमर्रा की जिम्मेदारियों का उठा रहा था बोझ
नैतिक किनारी बाजार की एक दुकान पर आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचता था। जिससे उसे 3500 रुपये महीने की तनख्वाह मिलती थी। इसी से वह पिता की दवा, बहन की पढ़ाई और घर का खर्च किसी तरह चला रहा था। चाचा आशीष बंसल ने बताया कि मंगलवार रात 11:30 बजे वह अपने मामा के घर बेलनगंज जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। पुलिस ने रात में सूचना दी, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। बुधवार सुबह जब शव को घर लाया गया तो मां मीनू बंसल बेहोश हो गई। पिता दीपक फूट-फूट कर रोते रहे। बहन अर्पिता बार-बार भाई को देखकर चीखती रही। पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई।
अब कौन बनेगा सहारा?
परिवार का सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब इस टूटे हुए घर का सहारा कौन बनेगा? लकवाग्रस्त पिता की सेवा से लेकर दवा देने, नहलाने और बैठकर बात करने तक हर जिम्मेदारी नैतिक ही निभाता था। अब मां-बाप और बहन की आंखों में एक ही सवाल है- “अब क्या होगा?”
हादसे के बाद गड्ढे पर डाली गई गिट्टी, पर कार्रवाई नहीं
जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां पिछले 15 दिनों से सड़क खुदी पड़ी थी। स्थानीय निवासी सुशील कुमार ने बताया कि कई बार लोग उस गड्ढे के कारण घायल हुए, शिकायतें की गई, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। हादसे के बाद आनन-फानन में गड्ढे पर गिट्टी डाल दी गई, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शहरभर में गड्ढों का कहर
आगरा के कई इलाकों में सड़कों की हालत बेहद खराब है। सेंट जॉन्स से न्यू राजामंडी मार्ग, मदिया कटरा से आवास विकास रोड, मैनहोल के धंसे ढक्कन, टूटी सड़कें इन सबने वाहन चालकों की जान जोखिम में डाल रखी है। लेकिन प्रशासन मौन है। हादसों के बाद ही थोड़ी बहुत मरम्मत होती है, पर स्थायी समाधान आज तक नहीं हो पाया।
अब सवाल उठता है- कब जागेंगे जिम्मेदार?
एक होनहार युवक की जान चली गई एक परिवार उजड़ गया। लेकिन यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं है। सड़कों के गड्ढे शहर में चलती-फिरती मौत बन चुके हैं। सवाल यह है कि क्या नगर निगम, PWD और प्रशासन को किसी की जान जाने के बाद ही चेतना आएगी?