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राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से विश्वास संस्थान, रायबरेली द्वारा बकरी पालन आजीविका से अधिक आय अर्जन हेतु उन्नत नस्ल एवं बकरी रखरखाव को बेहतर तरीके से करने के लिए नाबार्ड की योजना प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए क्षमता निर्माण वृद्धि कार्यक्रम के लिए बस रवाना की गई।
रायबरेली से रवाना हुई बस
Raebareli: रायबरेली में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से विश्वास संस्थान, रायबरेली द्वारा बकरी पालन आजीविका से अधिक आय अर्जन हेतु उन्नत नस्ल एवं बकरी रखरखाव को बेहतर तरीके से करने के लिए नाबार्ड की योजना प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए क्षमता निर्माण वृद्धि कार्यक्रम के अन्र्तगत अपने सम्मानित एवं ख्याति प्राप्त उ0प्र0 पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, दुवासु, मथुरा एवं केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मकदूम, मथुरा में 5/6/7 अगस्त 2025 को जनपद रायबरेली के विकास खण्ड सताॅव के 25 बकरी पालकों को क्षेत्रभ्रमण करवाया जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार क्षेत्रभ्रमण में जाने वाले सभी बकरी पालकों को अर्पित उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी, रवि शंकर, जिला विकास प्रबनधक, नाबार्ड, बिपिन बाजपेई, सचिव व बिकास कुमार परियोजनाधिकारी विश्वास संस्थान, रायबरेली ने हरी झड़ी दिखाकर विकास भवन, रायबरेली से मथुरा के लिए रवाना किया।
क्षेत्र भ्रमण में शामिल प्रतिभागियों का उत्साह बर्धन करते हुए बिकास कुमार ने कहा कि सभी बकरी पालक आधुनिक तरीको को अपनाने के लिए इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाए। रवि शंकर जिला विकास प्रबन्धक, ने नाबार्ड द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। संस्थान सचिव बिपिन बाजपेई ने बताया कि सभी बकरी पालक (सी0आई0जी0आर0) मथुरा में बकरियों का नस्ल सुधार उनका रखरखाव व कृत्रिम गर्भाधान के बारे में विशेषज्ञों द्वारा अपनी समझ बढ़ाएगें। इस क्षेत्रभ्रमण का उद्देश्य बकरी पालको में बकरी पालन को सुधार कर उससे आर्थिक मजबूती बनाना है। साथ ही अपने आस-पास के अन्य बकरी पालकों को भी जागरूक करना है। बकरी पालन क्षेत्र में अच्छे नस्ल एवं समय से बकरे की अनुउपब्धता के कारण अधिकांश बकरियाॅ खाली रह जाते है। जिससे बकरी पालको को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इसलिए कृत्रिम गर्भाधान से इस कमी को बेहतर तरीके से सुधारा जा सकता है।
क्षेत्रभ्रमण को संस्थान सचिव बिपिन बाजपेई, संस्था सहयोगी बिकास कुमार, राघवेन्द्र विश्वकर्मा, प्रशान्त एवं अरविन्द प्रताप सिंह पशु स्वास्थ्य प्रबन्धक आदि ने सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने मे सहयोग दिया। बकरी पालक क्षेत्रभ्रमण के उपरान्त अपनी बकरियों की उचित देखरेख (बकरियों को चारा, दाना, बाड़ा) कर पाएगें। उन्नत नस्ल की बकरी एवं बकरा पाल सकेगें। बकरियो में ए0आई0 की व्यवस्था का लाभ लेगें। बकरियों का टीकाकरण एवं पेट में कीड़े की दवा पिलाकर बकरी की मृत्युदर कम कर सकेगें। समय-समय पर पैरावेट या पशु चिकित्सक से सलाह करके बकरियों का उपचार कर सकेगें। बकरियों की संख्यात्मक बृद्धि करके आर्थिक लाभ अर्जित कर सके