

जिले में बीकॉम पास एक युवक ने इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर दो साल में 5000 से ज्यादा लोगों से 100 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से लग्जरी कार और करोड़ों के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बरामद किए हैं।
इन्वेस्टमेंट के नाम पर 100 करोड़ की ठगी
Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर जिले में एक हैरान कर देने वाला आर्थिक घोटाला सामने आया है। बीकॉम का छात्र रहा अमित कुमार नामक युवक ने अपनी पत्नी वंदना और कुछ साथियों के साथ मिलकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर 5000 से अधिक लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। आरोपी ने सेनेमी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक फर्जी कंपनी बनाकर लोगों को 16% रिटर्न का झांसा दिया और निवेश करवाया।
अमित कुमार ने दो साल पहले यह कंपनी रजिस्टर करवाई थी। उसका दावा था कि वह निवेशकों को 16% सालाना रिटर्न देगा। शुरुआत में कुछ निवेशकों को रिटर्न देकर उसने लोगों का विश्वास जीता और धीरे-धीरे हजारों लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। पुलिस के अनुसार, अमित ने पहले एक इन्वेस्टमेंट कंपनी में काम किया था, जहां से उसे इस तरह की योजनाओं की जानकारी मिली।
इन्वेस्टमेंट के नाम पर 100 करोड़ की ठगी
पूछताछ में अमित कुमार ने बताया कि लोगों से लिया गया पैसा उसने ब्यूटी प्रोडक्ट्स के बिजनेस और प्रॉपर्टी डीलिंग में इन्वेस्ट किया। यही नहीं सेनेमी ब्रांड के नाम से ब्यूटी प्रोडक्ट्स की चेन खोलने के लिए भी इस फंड का इस्तेमाल किया गया। जब पुलिस ने छापेमारी की तो एक नेकसॉन कार और लगभग ₹4 करोड़ कीमत के ब्यूटी प्रोडक्ट्स जब्त किए गए।
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इस मामले में पुरकाजी थाना पुलिस और सिविल लाइन थाने की टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त अमित कुमार, डॉ. शादाब और सरफराज को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी पुरकाजी क्षेत्र के रहने वाले हैं।
सेनेमी कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को वास्तव में एक धोखाधड़ी के उद्देश्य से खोला गया था। इस कंपनी का एक मात्र मकसद निवेशकों से पैसा इकट्ठा कर उन्हें ठगना था। पुलिस ने बताया कि इस कंपनी ने कोई भी वैध निवेश योजना सरकार के पास रजिस्टर्ड नहीं कराई थी।
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पुलिस ने बताया कि इस घोटाले से जुड़ी सभी संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। जो भी पैसा अपराध से अर्जित किया गया है, उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत ज़ब्त किया जाएगा।
अब तक की जांच में सामने आया है कि करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश लोगों से करवाया गया, जिसमें से केवल एक हिस्सा ही रिटर्न के रूप में दिया गया है। बाकी धन का उपयोग बिजनेस विस्तार और प्रॉपर्टीज में किया गया।