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आगरा में समाजवादी पार्टी ने बड़ा संगठनात्मक बदलाव करते हुए नौ विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों को पद से हटा दिया है। जिला और महानगर इकाई पहले से ही भंग है। अब नए चेहरों की तलाश और जातीय संतुलन साधने की कवायद तेज हो गई है।
अखिलेश यादव
Agra: आगरा जनपद की राजनीति में समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ा कदम उठाया है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने आगरा के 9 विधानसभा क्षेत्रों के नामित प्रभारियों को उनके पद से हटाने का निर्णय लिया है। इस फैसले ने संगठन के भीतर हलचल मचा दी है। वहीं नए दावेदारों की सक्रियता भी अचानक बढ़ गई है।
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी को लेकर सपा पूरे प्रदेश में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति पर काम कर रही है। लेकिन आगरा इकाई की हालत पिछले कुछ महीनों से चरमराई हुई है। तीन महीने पहले जिला और महानगर इकाइयों को भंग कर दिया गया था। जिसका सीधा असर ग्राउंड लेवल पर पार्टी की गतिविधियों पर पड़ा है।
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अखिलेश यादव की नाराजगी बनी कारण
सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने आगरा में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की थी। जिससे संगठन को बूथ स्तर तक मज़बूत किया जा सके। लेकिन इन प्रभारियों के कार्यों से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव संतुष्ट नहीं थे। लगातार मिल रही शिकायतों, निष्क्रियता और गुटबाजी के चलते 25 अगस्त को सभी प्रभारियों को पदमुक्त कर दिया गया।
आगरा की संगठनात्मक स्थिति बेहद कमजोर
पार्टी की जिला इकाई की हालत भी कम चिंताजनक नहीं है। जानकारी के अनुसार जिला कार्यालय का बिजली बिल तक अदा नहीं किया गया। जिससे वहां बिजली काट दी गई है। ऊपर से संगठन में भारी गुटबाजी और बूथ स्तर पर निष्क्रियता ने पार्टी नेतृत्व को चिंतित कर दिया है। इन्हीं वजहों से जिला और महानगर इकाइयों को पहले ही भंग किया जा चुका है।
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पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक कार्ड खेलने की तैयारी
सूत्रों का मानना है कि समाजवादी पार्टी अब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को साधने की रणनीति बना रही है। जल्द ही नई जिला और महानगर कार्यकारिणी की घोषणा की जा सकती है। जिसमें इन वर्गों को तवज्जो दी जाएगी। संभावित नेताओं की सूची को लेकर लखनऊ में जोड़-तोड़ और लॉबिंग का दौर भी तेज हो गया है।
हटाए गए प्रभारियों की सूची
जल्द होगा नया ऐलान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सपा नेतृत्व अगले दो सप्ताह के भीतर नई जिला और महानगर इकाई के साथ-साथ विधानसभा प्रभारियों के नामों की घोषणा कर सकता है। माना जा रहा है कि मूल संगठनात्मक ढांचे में बड़ा फेरबदल हो सकता है।