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मुज़फ्फरनगर से दर्दनाक खबर: 85 कांवड़िए घायल और दो की मौत, कोई तेज रफ्तार तो किसी ने थकावट की वजह से तोड़ा दम

सावन की कांवड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर में दो कांवड़ियों की मौत हो गई। एक कांवड़िया बुढ़ाना मोड़ पर सड़क हादसे में मारा गया, जबकि मीरापुर के कांवड़ सेवा शिविर में एक बुजुर्ग की नींद में मृत्यु हो गई। बीते 24 घंटे में 85 कांवड़िये घायल हुए हैं।
Post Published By: Mayank Tawer
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मुज़फ्फरनगर से दर्दनाक खबर: 85 कांवड़िए घायल और दो की मौत, कोई तेज रफ्तार तो किसी ने थकावट की वजह से तोड़ा दम

Muzaffarnagar News: सावन महीने की पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान अलग-अलग घटनाओं में दो कांवड़ियों की मौत हो गई। आपको बता दें कि पिछले 24 घंटे के भीतर 85 कांवड़िये हादसों में घायल हो गए।

बुढ़ाना मोड़ पर सड़क हादसे में कांवड़िए की मौत

हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे दिल्ली के थाना सोनिया नगर की चौहान पट्टी निवासी 20 वर्षीय कांवड़िया कार्तिक की देर रात दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। कार्तिक अपनी बाइक पर गंगाजल लेकर दिल्ली लौट रहा था, जब बुढ़ाना मोड़ के पास एक अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार्तिक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे के तुरंत बाद कार्तिक के साथ मौजूद अन्य कांवड़ियों ने उसे संभाला और अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके साथी शव को पोस्टमार्टम कराए बिना ही अपने साथ दिल्ली ले गए।

मीरापुर में कांवड़ सेवा शिविर में बुजुर्ग कांवड़िए की मौत

मीरापुर थाना क्षेत्र के गांव कासमपुर तुल्हेड़ी निवासी 70 वर्षीय हरिकिशन 18 जुलाई को गांव के अन्य श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेने गए थे। मंगलवार को थकान महसूस होने पर वे कस्बे की प्रजापति धर्मशाला स्थित कांवड़ सेवा शिविर में रुक गए और वहीं आराम करने लगे। रात में किसी समय उनकी मृत्यु हो गई।

सोते समय हो गया निधन

बुधवार सुबह जब सफाई कर्मचारी ने हरिकिशन को जगाने का प्रयास किया तो वह मृत अवस्था में मिले। शिविर आयोजकों को सूचना दी गई, जिसके बाद उनकी पहचान की गई। सूचना पर मृतक के परिजन भी पहुंचे और शव को अपने साथ गांव ले गए। इस मामले में भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया।

24 घंटे में 85 घायल, अस्पतालों में अफरा-तफरी

जिला अस्पताल प्रशासन ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटे में कांवड़ यात्रा के दौरान कई दुर्घटनाओं में घायल हुए 85 कांवड़ियों को उपचार के लिए लाया गया है। इनमें से कई को गंभीर चोटें आई। जबकि अधिकांश को प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हादसों के पीछे मुख्य वजह तेज रफ्तार से चलने वाले डाक कांवड़ियों की बेतरतीब आवाजाही और सड़क पर यातायात नियमों की अनदेखी रही है।

डाक कांवड़ियों की बढ़ती संख्या बनी हादसों का कारण

हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटने वाले डाक कांवड़ियों की संख्या रात से अचानक बढ़ गई थी। ये कांवड़िए दुपहिया और चौपहिया वाहनों से तेज रफ्तार में यात्रा कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों और लेन व्यवस्था की अवहेलना भी कई दुर्घटनाओं का कारण बनी।

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