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सहारनपुर में क्यूट कांवड़िया: 5 साल का नन्हा कांवड़िया 150 किलोमीटर दूर से लाया गंगाजल, देखिए वीडियो

सावन की कांवड़ यात्रा में इस बार एक 5 साल का नन्हा शिवभक्त सबका ध्यान खींच रहा है। हरिद्वार से 11 लीटर गंगाजल लेकर सहारनपुर तक की करीब 150 किमी की यात्रा पर निकला यह मासूम भक्त अपने माता-पिता की सुख-शांति के लिए यह कठिन तप कर रहा है। उसकी श्रद्धा, भावनाएं और भक्ति की भावना लोगों को भावुक कर रही है और सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है।
Post Published By: Mayank Tawer
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सहारनपुर में क्यूट कांवड़िया: 5 साल का नन्हा कांवड़िया 150 किलोमीटर दूर से लाया गंगाजल, देखिए वीडियो

जहां सावन माह में शिवभक्तों की टोली ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकलती है, वहीं इस बार एक नन्हे शिवभक्त ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। महज 5 साल का एक छोटा बालक कांधे पर कांवड़ रखे, गंगाजल लेकर चल रहा है वो भी किसी खेल या दिखावे के लिए नहीं बल्कि माता-पिता की सुख-शांति की कामना लिए।

माता-पिता के लिए कर रहा है तप

यह मासूम शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर 11 लीटर की कांवड़ भर कर चला है। उसका कहना है कि वह यह यात्रा अपनी मम्मी-पापा की लंबी उम्र और घर में सुख-शांति के लिए कर रहा है। इतनी छोटी उम्र में ऐसी सोच और श्रद्धा देख कर लोग भावुक हो रहे हैं। कई लोग उसकी देखभाल भी कर रहे हैं और रास्ते में सहयोग कर रहे हैं।

हरिद्वार से सहारनपुर तक की कठिन यात्रा

यह नन्हा कांवड़िया सहारनपुर का रहने वाला है और हरिद्वार से करीब 150 किलोमीटर की यात्रा पर निकला है। सड़क किनारे सेवा दे रहे कई भंडारों में यह बच्चा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लोग उससे बात कर उसकी भावना की सराहना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं।

परिवार के साथ कर रहा यात्रा

जानकारी के मुताबिक यह बालक अपने परिवार के साथ यात्रा पर है। हालांकि वह खुद चल रहा है, लेकिन परिजन पास ही उसकी निगरानी में रहते हैं ताकि कोई दिक्कत न हो। परिवार का कहना है कि बेटे की जिद और श्रद्धा को देखकर वे भी दंग रह गए, लेकिन अब उसे इस आस्था से रोकना उचित नहीं लगा।

श्रद्धा की मिसाल बना यह नन्हा भक्त

हर साल कांवड़ यात्रा में लाखों शिवभक्त शामिल होते हैं, लेकिन यह नन्हा भक्त श्रद्धा, विश्वास और प्रेम का ऐसा संदेश दे गया है जो शायद बड़े-बड़ों के लिए भी प्रेरणा बन जाए। महज 5 साल की उम्र में इतना लंबा सफर और वह भी धार्मिक मंशा के साथ यात्रा कर रहा है।

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