

प्रशासन ने ओवरलोड वाहनों पर लाखों का जूर्माना क्यों लगाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट में
ओवरलोड वाहनों पर प्रशासन की कार्रवाई
फतेहपुर: राजधानी लखनऊ में नव नियुक्त सिपाहियों की ज्वाइनिंग को लेकर लागू अस्थायी प्रतिबंध के उल्लंघन पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम के निर्देश पर मजिस्ट्रेट रजनीश श्रीवास्तव के नेतृत्व में खनिज विभाग, एआरटीओ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार रात को छापेमारी कर ओवरलोड मोरंग लदे 31 ट्रक/डंपरों को जब्त किया।
डाइनामाइट न्यूज़ सवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इन पर प्रति वाहन लगभग ₹1 लाख के हिसाब से कुल ₹31 लाख का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।
डीएम के आदेश की अनदेखी पड़ी भारी
लखनऊ जिले में 14 जून दोपहर 2 बजे से 16 जून सुबह 8 बजे तक ओवरलोड वाहनों पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। इसका उद्देश्य ज्वाइनिंग प्रक्रिया के दौरान शहर में यातायात और कानून-व्यवस्था को सुचारु बनाए रखना था। बावजूद इसके, खनन माफियाओं ने खुलेआम इस आदेश की अवहेलना की और प्रतिबंधित समय में मोरंग से लदे ट्रकों की आवाजाही जारी रखी।
रातभर चली छापेमारी
सूचना मिलते ही मजिस्ट्रेट रजनीश श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने बांदा जिले के मर्का थाना क्षेत्र से मोरंग लेकर आ रहे ओवरलोड ट्रकों को पकड़ने के लिए असोथर-रामनगर कौहन और कठौता-सैबसी मार्गों पर छापेमारी की। कार्रवाई की भनक लगते ही वाहन चालकों में हड़कंप मच गया और अधिकांश ड्राइवर अपने वाहन बीच सड़क पर छोड़कर फरार हो गए।
खनन माफियाओं में मची अफरा-तफरी
एक ही रात में 31 ओवरलोड ट्रकों की जब्ती और भारी जुर्माने की कार्रवाई ने खनन माफियाओं के बीच अफरा-तफरी मचा दी है। प्रशासन की सख्ती ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन का सख्त संदेश
अधिकारियों ने बताया कि सभी वाहनों पर वैधानिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है और जुर्माने की वसूली सुनिश्चित की जाएगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति या संस्था शासन के आदेशों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ और भी सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।