

मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जिले शामिल हैं। 57 जोन और 155 सेक्टरों में बांटा गया है। 540 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Meerut News: श्रावण मास की पवित्र कांवड़ यात्रा इस वर्ष भी पूरे भक्ति भाव और उल्लास के साथ संपन्न हो। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। जमीन से लेकर आकाश तक हर दिशा से कांवड़ यात्रा की निगरानी होगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी की अगुवाई में एक व्यापक सुरक्षा प्लान तैयार किया गया है। जिसके तहत 15 हजार से अधिक पुलिसकर्मी यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाएंगे।
रेंज को 57 जोन और 155 सेक्टरों में बांटा गया
कांवड़ यात्रा की भव्यता और जनसैलाब को देखते हुए मेरठ रेंज जिसमें मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जिले शामिल हैं। 57 जोन और 155 सेक्टरों में बांटा गया है। 540 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा। इस पूरे मार्ग पर 10 टोल और 119 जगहों पर बैरियर लगाए जाएंगे। जिलावार बात करें तो मेरठ और बुलंदशहर में 25-25, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 स्थानों पर बैरियर होंगे।
सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस बलों की ड्यूटी
19 अपर पुलिस अधीक्षक
54 क्षेत्राधिकारी
265 निरीक्षक
1823 उप निरीक्षक
2574 मुख्य आरक्षी
2860 आरक्षी
1166 महिला पुलिसकर्मी
यातायात पुलिस
12 निरीक्षक
117 उप निरीक्षक
175 मुख्य आरक्षी
394 आरक्षी
पीएसी की 20 कंपनियां
सीएपीएफ की 5 कंपनियां
838 शिविर
184 वेटिंग जोन
ड्रोन से यात्रा की निगरानी की जाएगी और वॉच टावर भी बनाए जाएंगे। खास बात यह है कि सादे कपड़ों में भी महिला और पुरुष पुलिसकर्मी कांवड़ियों के बीच रहकर हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। कांवड़ मार्ग पर 184 संवेदनशील स्थान चिन्हित किए गए हैं।
मेरठ: 64 क्षेत्र
बुलंदशहर: 59 क्षेत्र
हापुड़: 52 क्षेत्र
बागपत: 09 क्षेत्र
कांवड़ियों की सुविधा के लिए 838 शिविर लगाए जाएंगे
मेरठ: 464
बुलंदशहर: 176
बागपत: 90
हापुड़: 108
इसके अतिरिक्त 184 वेटिंग जोन बनाए हैं, जहां कांवड़िए विश्राम कर सकेंगे
प्रमुख मंदिरों में CCTV से निगरानी
श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए सभी प्रमुख मंदिरों में बाहर से लेकर गर्भगृह तक CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। मंदिरों में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या इस प्रकार है।
ड्रोन कैमरे और पीए सिस्टम सक्रिय रहेंगे
BDDS (बम निष्क्रिय दस्ते), AS चेक टीम, इंटेलिजेंस विभाग और साइबर सेल अलर्ट पर रहेंगे। SDRF, NDRF और स्थानीय गोताखोरों की टीम आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहेगी। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर सख्त निगरानी। हर जिले में खोया-पाया केंद्र बनाए जाएंगे।