Jalaun: उरई में गंदगी का अंबार, नगर पालिका परिषद पर लगे लापरवाही के अरोप

उत्तर प्रदेश के जालौन में नगर पालिका परिषद की लापरवाही का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 2 May 2025, 5:51 PM IST
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जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में लापरवाह नगर पालिका परिषद उरई के अधिशासी अधिकारी पर लापरवाही के आरोप लगे है। पूरा मामला जालौन के उरई का है। जहां शहर के बीचों से निकला मुख्य नाला गंदगी से पटा पड़ा हुआ है जिससे गर्मी के मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।

डाइनमाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,बारिश के पहले नाला सफाई के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराया जाता है।इस बजट का बंदरबांट करने में पालिका परिषद के ईओ व सफाई निरीक्षक लगे हुए है।

उत्तर प्रदेश के सरकार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्पूर्ण प्रदेश में गर्मी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचारी नियंत्रण अभियान एक माह के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान में वहीं दूसरी ओर लापरवाह नगर पालिका परिषद उरई के अधिशासी अधिकारी व सफाई निरीक्षक संचारी अभियान को पलीता लगाये जाने का काम करते हुए देखे जा रहे है।

सफाइ के लिए बजट अलग से उपलब्ध क्यों कराए जाते

बारिश के पहले नाला सफाई के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराया जाता है।इस बजट का बंदरबांट करने में पालिका परिषद के ईओ व सफाई निरीक्षक लगे हुए है।बताते चले कि शहर की जल निकासी के लिए तुलसीनगर बरफ फैक्ट्री से यह नाला शुरु होता है जो गोपालगंज होते हुए मुख्य राजमार्ग आनंद स्वरूप यादव के मकान से यादव गार्मेंट के पीछे से गुजरता हुआ तिलकनगर में जाकर समाप्त होता है।

स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय

नाले की स्थिति इस भीषण गर्मी में देखी जाये तो नाला गंदगी से भरा पड़ा है। जिससे कई बिमारियाँ उत्पन हो सकती है। जिसकी दुर्गंध से यहां के दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी पालिका के खाऊकमाऊ जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे है। नाला के आसपास बैठने वाले दुकानदारों ने नाला सफाई की मांग जिला प्रशासन से उठाई है।

नगर पालिका परिषद उरई में दर्ज है मामला

नाले के आसपास के दुकानदार इस भीषण गर्मी में अपने स्वास्थय को लेकर चिंतित रहते है। इस समस्या को लेकर वे नगर पालिका परिषद उरई को अपनी समस्या कई बार कई माध्यम से पहुंचाते है। इसके बाद भी परिषद के कर्मचारी इस समस्या को लेकर कोई सामाधान नही निकालते है।

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