

भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को सपोर्ट किया था। जिससे अब तुर्की की मुसीबतें बढ़ते हुई नजर आ रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
भारत में तुर्की के साथ व्यापार पर प्रतिबंध(सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान टेंशन के बीच तुर्की खासा सुर्खियों में रहा और उसका PAK प्रेम खुलकर सामने आ गया । पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और BOYCOTT TURKEY मुहिम जोर पकड़ने लगी है.। तो इससे टर्की को लगभग 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अजरबैजान को भी पाकिस्तान के मित्रता संबंधों का खामियाजा करीब 3000 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान उठाकर भुगतना पड़ सकता है।
देशभर के व्यापारी संगठनों ने तुर्की और अजरबैजान से आने वाली वस्तुओं पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है। 16 मई को राजधानी दिल्ली में होने वाली एक बड़ी व्यापारी बैठक में इन देशों के साथ सभी व्यापारिक संबंध तोड़ने का फैसला लिया जा सकता है।
वहीं, ट्रक ऑपरेटर संगठनों ने भी तुर्की और अजरबैजान से आने वाली किसी भी वस्तु को देश के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने से इनकार कर दिया है। इन संगठनों ने केंद्र सरकार से इन देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को बंद करने की मांग को दोहराया है।
व्यापारियों के साथ-साथ ट्रक ऑपरेटर भी केंद्र से अपेक्षा कर रहे हैं कि इन देशों की एयरलाइंस पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। यदि ऐसा होता है, तो भारत का इन देशों के साथ व्यापार पूरी तरह से ठप हो सकता है।
यदि ये प्रतिबंध लागू होते हैं, तो भारत से तुर्की और अजरबैजान को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। तुर्की से भारत को नमक, खाद्य सामग्री, रसायन, आभूषण, पशुधन उत्पाद, खनिज तेल और परमाणु रिएक्टर के पुर्जे जैसे वस्तुओं का आयात होता है।
यदि भारत इन देशों से आर्थिक संबंध तोड़ता है, तो संभावना है कि इन देशों में भी भारत के उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए जाएं। इससे दोनों पक्षों को नुकसान हो सकता है।
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र कपूर ने कहा कि देशभर के ट्रक संचालक अब तुर्की और अजरबैजान से आने वाले किसी भी सामान को देश के दूसरे इलाकों में नहीं पहुंचाएंगे।
कपूर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इन देशों के खिलाफ तुरंत प्रभाव से व्यापार प्रतिबंध लगाया जाए। उनका मानना है कि भारत विरोधी इन देशों के साथ व्यापार करना देशहित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि सीमा पर हमारे सैनिक अपना खून बहा रहे हैं और दूसरी ओर इन देशों से व्यापार किया जा रहा है, यह उचित नहीं है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सैनिकों का समर्थन करें और राष्ट्रहित में खड़े रहें।
कपूर ने अपने संगठन की कार्यकारिणी बैठक में राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए यह तय किया है कि आगामी समय में तुर्की और अजरबैजान से संबंधित कोई भी व्यापारिक गतिविधि उनके सदस्य नहीं करेंगे।