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The MTA Speaks: मतदाता सूची में नया बदलाव, SIR 2.0 से हर नागरिक को मिलेगा वोट? जानिए हकीकत

भारत में शुरू हुआ Special Intensive Revision (SIR 2.0)- चुनाव आयोग का बड़ा कदम ताकि हर पात्र नागरिक वोट दे सके। जानिए कब, कैसे और कहां लागू होगा यह अभियान, क्या करना होगा आम मतदाता को। बता दें कि 1951 से 2004 के बीच आठ बार SIR हो चुके हैं।
Post Published By: ईशा त्यागी
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The MTA Speaks: मतदाता सूची में नया बदलाव, SIR 2.0 से हर नागरिक को मिलेगा वोट? जानिए हकीकत

New Delhi: भारत का चुनाव आयोग हर वर्ष मतदाता सूची (Electoral Roll) का पुनरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश का कोई भी पात्र नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न रहे। लेकिन इस बार आयोग ने इसे एक विशेष अभियान के रूप में शुरू किया है- Special Intensive Revision 2.0, यानी ऐसा पुनरीक्षण जो सामान्य वार्षिक प्रक्रिया से कहीं अधिक व्यापक, गहन और तकनीकी रूप से उन्नत होगा।

वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने चर्चित शो The MTA Speaks  में SIR 2.0 को लेकर सटीक विश्लेषण किया।

यह सिर्फ एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जड़ को सींचने वाला सबसे बड़ा नागरिक अभ्यास है- क्योंकि इसका सीधा संबंध आपके वोट के अधिकार से है। अब सवाल उठता है- आखिर यह SIR है क्या, क्यों शुरू किया गया है, कब और कहाँ लागू होगा, और इसमें आम मतदाता को क्या करना होगा? आइए, शुरुआत से समझते हैं…

चुनाव आयोग हर साल मतदाता सूची यानी Electoral Roll का पुनरीक्षण करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश का हर पात्र नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न रहे। इस बार आयोग ने इसे विशेष अभियान के रूप में लागू करने का फैसला किया है- Special Intensive Revision 2.0, यानी ऐसा पुनरीक्षण जो सामान्य वार्षिक अभ्यास से कहीं अधिक व्यापक, विस्तृत और गहन होगा। इस बार के SIR 2.0 का उद्देश्य है- मृत, स्थानांतरित और डुप्लीकेट वोटरों को हटाना और 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करना।

मतदाता सूची के इस विशेष सघन पुनरीक्षण का दूसरा चरण 28 अक्टूबर 2025 से शुरू हो गया है। यह प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक साथ चलाई जा रही है। इनमें शामिल हैं- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुड्डचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।

देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली के विज्ञान भवन में पत्रकारों को बताया कि पहला चरण बिहार में सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। अब दूसरे चरण यानी SIR 2.0 के तहत इन राज्यों में मतदाता सूची की घर-घर जाकर जांच की जाएगी। यह आज़ादी के बाद देश का नौवां विशेष पुनरीक्षण अभियान है। 1951 से 2004 के बीच आठ बार SIR हो चुके हैं, जबकि आखिरी बार यह प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच संपन्न हुई थी।

चुनाव आयोग के अनुसार, 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक यह प्रक्रिया चलेगी, और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

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आम मतदाता को क्या करना होगा?

अगर आपकी उम्र 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष या उससे अधिक हो जाती है, तो आप SIR के दौरान नया वोटर पंजीकरण करा सकते हैं। अगर पहले से आपका नाम सूची में है, लेकिन पता या अन्य विवरण गलत है, तो आप सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि किसी मृतक या दूसरे स्थान पर स्थानांतरित व्यक्ति का नाम अब भी आपके क्षेत्र की सूची में है, तो आप उसकी आपत्ति या नाम हटाने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

फार्म कैसे भरे जाएंगे?

इन फार्म्स को भरने के तरीके

जानिए कौन-कौन से दस्तावेज मान्य होंगे?

SIR 2.0 में निम्न दस्तावेज़ों को पहचान और पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया गया है-

इस पूरी प्रक्रिया के क्या फायदे हैं?

SIR 2.0 में भी संभावित कठिनाइयाँ ?

समर्थन और विरोध की बात

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