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पासवर्ड बार-बार लीक होने और फिशिंग हमलों के बढ़ने के बाद अब Passkey एक सुरक्षित विकल्प बन कर उभरा है। यह फिंगरप्रिंट, फेस अनलॉक जैसे बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन पर काम करता है और पासवर्ड की जरूरत लगभग खत्म कर देता है। जानें Passkey कैसे बदल रहा है ऑनलाइन सुरक्षा का भविष्य।
पासकी बनाम पासवर्ड (Img Source: Google)
New Delhi: आज की डिजिटल दुनिया में हर व्यक्ति सोशल मीडिया, बैंकिंग, ईमेल और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे कई प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाता है। ऐसे में सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल है। लंबे समय तक पासवर्ड को ऑनलाइन सुरक्षा का मुख्य आधार माना गया, लेकिन अब तकनीक बदल रही है और पासवर्ड की सीमाएँ भी सामने आ रही हैं। इसी कमी को पूरा करने के लिए Passkey नाम की नई और सुरक्षित तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
पासवर्ड किसी भी अकाउंट का पहला सुरक्षा कवच होता है, लेकिन लोग अक्सर कमजोर और आसान पासवर्ड चुनते हैं जैसे 123456, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर। साइबर अटैकर्स ऐसे पासवर्ड कुछ ही सेकंड में क्रैक कर लेते हैं। इसके अलावा पासवर्ड लीक होना, चोरी होना या फिशिंग के जरिए चुरा लिया जाना आज आम बात हो गई है। कई बार लोग एक ही पासवर्ड हर जगह इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे हैकर्स और भी आसानी से कई अकाउंट्स तक पहुँच जाते हैं।
Passkey एक आधुनिक सुरक्षा तकनीक है जो पासवर्ड की जरूरत को लगभग खत्म कर देती है। यह बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन पर आधारित है, यानी फिंगरप्रिंट, फेस अनलॉक या आपके डिवाइस का स्क्रीन लॉक ही लॉगिन का साधन बन जाता है। जब आप किसी वेबसाइट या ऐप में Passkey सेट करते हैं, तो आपका डेटा क्लाउड में नहीं बल्कि आपके डिवाइस में सुरक्षित रहता है।
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Passkey दो एन्क्रिप्टेड हिस्सों में काम करता है-एक हिस्सा आपके डिवाइस में रहता है और दूसरा वेबसाइट के सर्वर पर। दोनों केवल तभी जुड़ते हैं जब आप बायोमेट्रिक या डिवाइस लॉक के जरिए लॉगिन की अनुमति देते हैं। इस वजह से Passkey को चोरी करना या हैक करना लगभग असंभव है।
पासवर्ड चाहे कितना भी मजबूत हो, खतरा हमेशा बना रहता है। अगर कोई व्यक्ति आपका पासवर्ड जान ले, तो वह आपके अकाउंट तक आसानी से पहुँच सकता है। हैकर्स फिशिंग तकनीक से भी पासवर्ड चुरा लेते हैं और यूजर्स को इसका एहसास भी नहीं होता।
वहीं Passkey में कोई टेक्स्ट आधारित पासवर्ड नहीं होता जिसे चुराया जा सके। यह पूरी तरह डिवाइस-बेस्ड और बायोमेट्रिक सुरक्षित है। किसी का फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन कॉपी करना व्यावहारिक रूप से असंभव है, इसलिए Passkey सुरक्षा के मामले में पासवर्ड से कहीं आगे है।
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Google, Apple और Microsoft जैसी बड़ी टेक कंपनियां तेजी से Passkey सपोर्ट लागू कर रही हैं। कई बैंकिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी इसे अपना चुके हैं। अगर आप अपने ऑनलाइन अकाउंट्स को मजबूत सुरक्षा देना चाहते हैं, तो पासवर्ड से Passkey पर शिफ्ट होना बेहतर है।
Passkey न केवल आसान है बल्कि बेहद सुरक्षित भी है क्योंकि इसमें न कुछ टाइप करना होता है, न याद रखना पड़ता है, और न ही हैक होने का खतरा रहता है।