

हर साल 4 जनवरी को मनाया जाता है विश्व ब्रेल दिवस….. लेकिन आपने कभी सोचा, यह क्यों मनाया जाता है? हम बता रहे हैं आपको डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्ली: हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दृष्टिहीन और दृष्टि-बाधित लोगों के लिए संचार और शिक्षा के मुख्य साधन ब्रेल लिपि के महत्व को रेखांकित करता है। विश्व ब्रेल दिवस, लुई ब्रेल की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने इस लिपि का आविष्कार किया।
कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत?
विश्व ब्रेल दिवस पहली बार 4 जनवरी 2019 को मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी ताकि दृष्टिबाधित लोगों के अधिकारों और उनके लिए सुलभ शिक्षा और रोजगार के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके। लुई ब्रेल (Louis Braille) का जन्म 1809 में फ्रांस में हुआ था। बचपन में एक दुर्घटना के कारण उन्होंने अपनी दृष्टि खो दी। अपनी चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने 1824 में ऐसी लिपि विकसित की जो आज भी दुनियाभर में दृष्टिहीन लोगों के लिए शिक्षा और स्वतंत्रता का आधार है।
क्या है ब्रेल लिपि?
ब्रेल लिपि एक विशेष प्रकार की स्पर्श आधारित लिपि है, जिसे उंगलियों के स्पर्श से पढ़ा जाता है। इसमें उभरे हुए बिंदुओं का उपयोग किया जाता है, जिन्हें विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए पैटर्न में व्यवस्थित किया जाता है। यह लिपि न केवल पढ़ने और लिखने में मदद करती है, बल्कि दृष्टिहीन लोगों को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता भी प्रदान करती है।
ब्रेल का महत्व
ब्रेल लिपि का उपयोग शिक्षा, नौकरी और दैनिक जीवन में दृष्टिहीन लोगों की मदद के लिए किया जाता है। यह दृष्टिबाधित लोगों के लिए न केवल एक उपकरण है, बल्कि समान अधिकारों और समावेशी समाज के निर्माण का माध्यम भी है।
विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य
1. दृष्टिहीन और दृष्टिबाधित लोगों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
2. ब्रेल लिपि की भूमिका को समझना और उसका प्रसार करना।
3. दृष्टिहीन लोगों के लिए बेहतर अवसर और सुविधाएं सुनिश्चित करना।
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