दुर्गा पूजा का पंडाल बनाते समय गिरने से कर्मी की टूटी रीढ़ की हड्डी, मदद मांगने पर प्रशासन ने साधी चुप्पी

डीएन ब्यूरो

30 साल के प्रभु नाथ जायसवाल की शादी नहीं हुई है, इनके 6 भाई और तीन बहन हैं। इनकी मां की उम्र लगभग 60 वर्ष है जो दोनों पैर से विकलांग हैं इनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है। इनका परिवार मिट्टी के कुछ बर्तन बेचकर किसी तरह से अपना गुजारा करती हैं सरकार की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत कार्ड का इनको कोई लाभ नहीं मिला है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास खबर..



महराजगंज: सरकार ने गरीबों के लिए भले ही बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाई हैं, लेकिन जब वक्त आने पर गरीबों को कोई मदद नहीं मिल रही तो क्या फायदा ऐसी योजनाओं का। 4 साल पहले पंडाल बनाते वक्त पेड़ से गिरने पर कर्मी की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। जिसकी वजह से वो 4 साल से बिस्तर पर ही है। मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगाने पर भी कही से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है। यहां तक की सरकार की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत कार्ड से भी कर्मी को किसी तरह की राहत नहीं मिली।

मामला फरेन्दा थाना फरेन्दा कस्बा आनंद नगर जिला महाराजगंज का है, जहां 4 साल पहले नवरात्रि के समय  30 साल के प्रभु नाथ जायसवाल पंडाल के पेड़ की कटाई करने के लिए पेड़ की ऊंचाई पर चढ़ा था, जहां से उसका पैर फिसला और वो नीचे गिर गया। नीचे गिरने के कारण उसको अन्य जगह मामूली चोटे आई लेकिन रीड की हड्डी पर गंभीर चोट आ जाने की वजह से रीड की हड्डी टूट गई। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में इलाज करवाया, लेकिन परिवार की स्थिति ठीक ना होने के कारण कुछ स्थानीय लोगों की मदद से नगर में लगभग डेढ़ लाख रुपया चंदा इकट्ठा करके केजीएमसी लखनऊ में उसका ऑपरेशन 16 अक्टूबर साल 2015 में करवाया, लेकिन इसके बाद भी उसकी हालत ठीक नहीं हुई। जिसकी वजह से उसकी पीठ में काफी दिक्कतें होने लगी।

धीरे-धीरे उसके शरीर में घाव बनने लगे हैं। परिवार को किसी सरकारी आदमी की कोई मदद ना मिलने के कारण परिवार इस दुख की घड़ी से उबर नहीं पा रहा है।  ऐसे में सवाल यह बन रहा है कि सरकार की तमाम नीतियां एवं तमाम योजनाएं जमीनी हकीकत तक नहीं पहुंच पा रही है ऐसे में परिवार दुख की इस घड़ी में मदद की गुहार कर रहा है।










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