Late Marriage: महिलाओं को अधिक उम्र में शादी करने से हो सकते हैं ये नुकसान, जानिए क्या है सही उम्र

डीएन ब्यूरो

भारत में पढ़ाई, नौकरी और करियर के चलते लड़कियां देर से ही शादी करना पसंद करती हैं। जिससे उनको कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अधिक उम्र के शादी नुकसान
अधिक उम्र के शादी नुकसान


नई दिल्ली: भारत में  लड़कियों की शादी पहले के समय में कम उम्र में ही हो दी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। आजकल के समय में पढ़ाई, नौकरी और करियर के चलते लड़कियां देर से ही शादी करना पसंद करती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अधिक उम्र में शादी करने पर  महिलाओं को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लकिन कभी कभी कुछ महिलाओ के लिया या फायदा भी  होता है।

आइये जानते है लेट शादी के नुकसान और फायदा 

1. प्रेग्नेंसी -  महिलाओं को स्वस्थ बच्चा पैदा करने में कई तरह की दिक्कत आ जाती है । इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है और गर्भपात एवं प्रसव में मुश्किलें पैदा होती हैं। अधिक उम्र के माता-पिता से पैदा हुए बच्चों में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर और अन्य शारीरिक समस्याओं का जोखिम भी अधिक रहता है। 

2. देर से शादी करने पर कपल्स की सेक्स लाइफ पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। यंग कप्लस में भरपूर जोश होता है और उम्र कम होने के चलते माँ के द्वारा उनके ऊपर बच्चे को लेकर कोई प्रेशर नहीं डाला जाता।

3. महिला लंबे समय तक सिंगल और इंडिपेंडेंट रहती हैं , फिर अधिक उम्र में शादी करने के बाद पति की पसंद-नापसंद और जरूरतों के साथ तालमेल बैठाना कुछ मुश्किल हो जाता है और  रिलेशनशिप में मनमुटाव होने लग जाता है।  

4. महिला अपनी जिम्मेदारियों को सही से नहीं उठता पति है। 

5. पार्टनर चुनने के विकल्प कम हो जाता है ।

6  लेट शादी करने की एक बड़ा फायदा भी है। यदि शादी देरी से हो तो घर-परिवार वाले ‘बच्चे’ की अपेक्षा कुछ ही महीनों के बाद लगाना शुरू कर देते है, लेकिन जल्दी शादी करने पर ऐसा नहीं होता ।

7  लेट शादी करने का एक फायदा ये भी है की दोनों कपल अपने रिश्ते को मैच्योर होकर निभाते है।

क्या है सही उम्र

बढ़ती उम्र के साथ प्रेगनेंसी में कंपलिकेशन का खतरा भी बढ़ सकता है जैसे मिसकैरेज का खतरा, बच्चे की शारीरिक रूप के बनावट में समस्या हो सकती है और आपकी नॉर्मल डिलीवरी के चांस भी कम हो जाते है। 

20 से पहले मिसकैरेज का खतरा 7 से 8% होता है, 35 के बाद ये बढ़कर 30% हो सकता है और 42 की उम्र तक ये खतरा बढ़ कर 50% हो जाता है। इसी लिए महिलाओं को सही उम्र में अपनी इच्छानुसार शादी करनी चाहिए। 










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