DN Exclusive: आखिर क्यों पंकज चौधरी को नहीं मिली मोदी मंत्रिमंडल में जगह?

महराजगंज संसदीय सीट से छह बार जीतने के बावजूद पंकज चौधरी.. मोदी, शाह और योगी का विश्वास जीतने में एक बार फिर नाकाम रहे। 2014 की तरह ही 2019 में भी उन्हें इस तिकड़ी ने करारा झटका दिया है। आखिर ऐसी कौन सी वजहें हैं जिसके कारण मोदी के मंत्रिमंडल में पंकज को जगह नहीं मिल पायी? डाइनामाइट न्यूज़ की खोजी रिपोर्ट..

Updated : 30 May 2019, 8:55 PM IST
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लखनऊ: कुर्मी जाति से आने वाले महराजगंज संसदीय क्षेत्र के सांसद पंकज चौधरी कभी राम लहर तो कभी मोदी लहर पर सवार होकर 6 बार लोकसभा में पहुंच चुके हैं लेकिन आज तक कभी भी उन्हें केन्द्र में मंत्री का पद नसीब नही हुआ। डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इसकी पड़ताल की तो इसके एक नहीं कई कारण नजर आय़े। 

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गोरखपुर नगर निगम के सभासद पद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले पंकज पर डा. रमापति राम त्रिपाठी की निगाह पड़ी और इनको अपना शिष्य बना वे महराजगंज जिले की राजनीति में ले आये। इसके बाद शुरु हुआ इनका संसदीय सफर। जिस दौर में यूपी से 60 से 65 सांसद राम लहर की वजह से जीतते थे उस दौर में लगातार तीन बार पंकज 1991, 1996, 1998 में सांसद बने। फिर 1999 का चुनाव हार बैठे। 2004 में चौथी बार जीते। इसके बाद 2009 में  हार का मुंह देखा। 2014 और 2019 में मोदी लहर पर सवार हो संसद तो पहुंचे लेकिन मंत्री नहीं बन पाये। 

डाइनामाइट न्यूज़ की पड़ताल में ये तथ्य सामने आये

पंकज की ताकत
1.    स्थानीय संगठन पर मजबूत पकड़
2.    निर्विवादित, लड़ाई-झगड़े से दूर
3.    मृदुभाषी

पंकज की कमजोरी
1.    योगी से अंदरुनी संबंध अच्छे नहीं
2.    दिल्ली की जोड़-तोड़ की पालिटिक्स में बेहद कमजोर
3.    राजनाथ और रमापति खेमे के लेबल की वजह से मोदी, शाह और योगी के तिकड़ी की आंखों की किरकिरी

संतोष गंगवार ने फिर पछाड़ा पंकज को

इन सबके अलावा पंकज से कहीं ज्यादा 8 बार चुनाव जीतने वाले बरेली के सांसद और कुर्मी जाति से ही आने वाले संतोष गंगवार पर मोदी और शाह ने पिछली बार की तरह इस बार भी भरोसा जताया है और मंत्री पद दिया है। अब एक ही राज्य से कितने कुर्मी मंत्री बनेंगे? ये भी पंकज की राह में एक बड़ा रोड़ा बना। 

योगी की नापसंद

गोरखपुर मंडल की राजनीति में जिसे भी मंत्री बनाया जायेगा उसके नाम पर सीएम योगी की सहमति आवश्यक है। सीएम से ऊपरी तौर तो पंकज के संबंध ठीक दिखते हैं लेकिन हकीकत बिल्कुल जुदा है। दोनों की अदावत बहुत पुरानी है। दोनों जब सांसद होते थे तभी से इनकी कभी नही बनी। पंकज हमेशा योगी विरोधी गुट राजनाथ-रमापति की आंखों के तारे रहे यही कारण है कि पंकज को योगी ने कभी तवज्जो नही दी।  

बधाई विज्ञापनों से गायब सिसवा विधायक

गुटबाजी पड़ी भारी
जिले की भाजपाई राजनीति में नये लेकिन अमित शाह के नजदीकी सिसवा विधायक प्रेमसागर पटेल को पंकज गुट जिले की संगठनात्मक राजनीति में हमेशा अलग-थलग रखने का प्रयास करता है, यहां तक की जीत की बधाई के लिए छपे विज्ञापनों से भी प्रेमसागर को दूर रखा गया। इससे चिढ़े प्रेमसागर ने अपनी कुल जमा पूंजी जुटा नतीजे के बाद से ही दिल्ली में डेरा डाले रखा और शीर्ष नेतृत्व तक अपनी बात को पहुंचाते रहे। जिले में पंकज गुट ने आरोप लगाया कि प्रेम सागर ने उनका विरोध किया जबकि विधायक का कहना है कि उनकी वजह से पंकज को जिले की पांचों विधानसभाओं में सबसे अधिक वोट सिसवा से मिले। अंदर की खबर ये है कि इस गुटबाजी की खबर शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची और पंकज के खाते से नंबर मोदी और शाह ने काट दिये।

इस तिकड़ी ने बिगाड़ा पंकज का खेल

विकास विरोधी छवि

आम जनता में ये धारणा है कि पंकज तीस साल से समय-समय पर सांसद हैं, 25 साल से जिला पंचायत पर एक छत्र राज है लेकिन आज तक जिले का विकास नही किया। चाहे बात 1998 की हो या 2014, 2017 से लेकर अब तक.. समय-समय पर गांव के प्रधान से लेकर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री औऱ राष्ट्रपति तक भाजपा के बने लेकिन कभी भी जिले का इन्होंने विकास नही किया। जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी समस्या रेलवे लाइन को आज तक इन्होंने दूर नही किया। इससे इनकी विकास विरोधी की छवि आम जनता की नजरों में बनी हुई है। 

नहीं बन सके जनता के दिलों पर राज करने वाले नेता
आम लोगों का मानना है कि पंकज भले ही 6 बार सांसद हो गये लेकिन जनता के दिलों पर राज करने वाले नेता नहीं बन पाये। वे नगर में ही कभी आम जनता से मिलते-जुलते नहीं। सिर्फ अपने आप को अपने घर के अंदर सीमित रखते हैं। वहीं से कार्यालय और पार्टी का संचालन होता है। ये बात भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर जनता तक को खल जाती है।   

क्या पंकज चौधरी मंत्री बने तो महराजगंज का विकास करेंगे?

Posted by डाइनामाइट न्यूज़ महराजगंज on Monday, 27 May 2019

               

सर्वे में खिलाफ आये नतीजे

डाइनामाइट न्यूज़ ने तीन दिन पहले एक आनलाइन सर्वे कराया और सवाल पूछा था कि क्या पंकज मंत्री बने तो महराजगंज का विकास करेंगे? इस सवाल पर करीब 32 सौ लोगों ने वोट किया और इसमें से 62% ने पंकज के खिलाफ वोट किया। 

नहीं बना पाये मोदी, शाह औऱ योगी के दिल में जगह
ये ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से पंकज चौधरी 6 बार जीतने के बावजूद भी मोदी, शाह औऱ योगी के दिल में अपनी जगह नहीं बना पाये जबकि पहली बार जीतने वाले तमाम सांसद मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाब हो गये।

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