आजमगढ़ की बड़ी खबर: डीएम विशाल भारद्वाज क्यों बचा रहे हैं प्रमोटेड PCS विनय कुमार गुप्ता को?

डीएन संवाददाता

नायब तहसीलदार के पद से प्रमोशन पाकर पीसीएस अफसर बने विनय कुमार गुप्ता के बदजुबानी की चर्चा इन दिनों आजमगढ़ जिले में सुर्खियों में छायी हुई है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

जिलाधिकारी आजमगढ़ का कार्यालय (फाइल फोटो)
जिलाधिकारी आजमगढ़ का कार्यालय (फाइल फोटो)


लखनऊ/आजमगढ़: महज 6 महीने में आजमगढ़ जिले के मुख्य राजस्व अधिकारी (CRO) विनय कुमार गुप्ता को रिटायर होना है। रिटायरमेंट के बाद आम आदमी का जीवन साहब को जीना होगा लेकिन साहब हैं कि मानते ही नहीं।

नायब तहसीलदार से रगड़ते-रगड़ते किसी तरह साहब का प्रमोशन पीसीएस अफसर के रुप में हुआ और बैच अलाट हुआ 2015 का। 

अतिरिक्त कार्यभार का जुगाड़
सेटिंग में माहिर साहब का गृह जनपद बलिया है। अब देखिये कैसे जुगाड़ लगा नौकरी के अंतिम दौर में साहब ने पहले तो बगल का जिला आजमगढ़ हासिल किया फिर पोस्टिंग पायी मुख्य राजस्व अधिकारी की। जब इतने से भी मन नहीं भरा तो साहब ने जुगाड़ लगाया एक और अतिरिक्त कार्यभार का। भला हो जिले के डीएम साहब का जिन्होंने इन्हें CRO के साथ-साथ आजमगढ़ जिले का उप संचालक चकबंदी (DDC) भी बना दिया।

गुस्सा सातवें आसमान पर

अब क्या साहब का तेवर जा पहुंचा सातवें आसमान पर। साहब की बदजुबानी की चर्चा लखनऊ के सत्ता प्रतिष्ठानों में हो रही है।

बताया जा रहा है कि साहब के पास चाहे आम जनता पहुंचे या फिर वकील या फिर मातहत कर्मचारी, साहब सामने वाले को देखते ही हो जाते हैं बेअंदाज। शुरु हो जाता है बदजुबानी का सिलसिला। इसको लेकर प्रशासनिक हलके में खूब चर्चा है।

लखनऊ तक साहब की चर्चा?
वकीलों ने साहब के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोल रखा है। दी डिस्ट्रिक्ट बार एशोसिएशन, आजमगढ़ से जुड़े वकीलों ने इनके काले-कारनामों की फाइल लखनऊ में शासन तक पहुंचा दी। फिर क्या मामला गंभीर होता देख 26 जुलाई को लखनऊ से शासन ने जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज को आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से मुख्य राजस्व अधिकारी (CRO) विनय कुमार गुप्ता से उप संचालक चकबंदी का अतिरिक्त पदभार वापस ले लिया जाये और इनकी जगह किसी और ADM को DDC का चार्ज दिया जाये।

कितने दिन तक बचेंगे गुप्ता जी?
शासन के आदेश के तीन सप्ताह बीत जाने के बावजूद, वकीलों के भारी विरोध के बावजूद क्यों जिलाधिकारी अभी तक विनय कुमार गुप्ता पर कृपा बरसा रहे हैं यह जगह-जगह चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। देखना होगा जिलाधिकारी आगे क्या निर्णय लेते हैं और क्या विनय कुमार गुप्ता की बदजुबानियां इसी तरह जारी रहेंगी? 

 










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