Minorities Rights Day 2024: क्यों मनाया जाता है अल्पसंख्यक अधिकार दिवस? जानें इसका इतिहास और महत्व

डीएन ब्यूरो

हर साल 18 दिसंबर को मनाया जाता है अल्पसंख्यक अधिकार दिवस..... लेकिन आपने कभी सोचा, यह क्यों मनाया जाता है? हम बता रहे हैं आपको डाइनामाइट न्यूज़ पर

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय


नई दिल्ली: अल्पसंख्यक अधिकार दिवस हर साल 18 दिसंबर को उन समुदायों के अधिकारों की रक्षा और समानता सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है, जो संख्या में कम हैं। यह दिन भारत सहित दुनिया भर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संरक्षित करने और उनके सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का इतिहास

अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए 18 दिसंबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अल्पसंख्यक अधिकारों की घोषणा को अपनाया। इस घोषणा का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को उनके सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। इसके बाद, दुनिया भर में इस दिन को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

भारत में जहां विविधता को राष्ट्रीय पहचान माना जाता है, अल्पसंख्यकों के अधिकारों को संविधान के तहत विशेष सुरक्षा दी गई है। अनुच्छेद 29 और 30 के माध्यम से अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, धर्म और संस्कृति की रक्षा का अधिकार दिया गया है।

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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का महत्व

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस सामाजिक न्याय, समानता और भाईचारे के मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रतीक है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक प्रगति में सहयोग प्रदान करना है।

भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्म को अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में मान्यता दी गई है। इन समुदायों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जैसे- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम और अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस हमें यह याद दिलाता है कि समाज के हर वर्ग को समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। यह दिन केवल अधिकारों की बात नहीं करता, बल्कि समाज में सभी समुदायों के बीच भाईचारे, समरसता और समावेशिता को बढ़ावा देने का भी प्रतीक है।

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एक मजबूत और प्रगतिशील समाज की नींव तभी रखी जा सकती है, जब हर वर्ग को बिना भेदभाव के न्याय, शिक्षा और सम्मान मिले।

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