Chaitra Purnima 2025: चैत्र माह में कब मनाई जाएगी पूर्णिमा ? यहां जानिये सही तिथि और शुभ मुहूर्त

हर महीने पूर्णिमा आती है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। हालांकि सवाल यह है कि चैत्र माह की पूर्णिमा कब है ? पूर्णिमा की सही तारीख जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 April 2025, 9:32 AM IST
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नई दिल्लीः हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है, जो पूर्णता और शुभता का प्रतीक है। जैसा कि आप जानते हैं कि पूर्णिमा हर महीने शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि में आती है। बता दें कि इस दिन चंद्रमा पूर्ण होता है और सूर्य व चंद्रमा समसप्तक होते हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पूर्णिमा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है, जिसे करने से घर में धन का संयोग बनता है। वहीं, इस दिन यदि कोई दान-पुण्य का काम करता है तो जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

पूर्णिमा को लेकर ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के अगले दिन नए माह की शुरूआत हो जाती है। वहीं, चैत्र माह में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं। लेकिन इस बार चैत्र पूर्णिमा की सही तारीख को लेकर लोगों के मन में काफी उलझने हैं कि आखिर कब है चैत्र पूर्णिमा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है। 

यदि आप भी इसी उलझन में फंसे हुए हैं तो चलिए हम आपको सही तारीख और शुभ मुहूर्त की जानकारी देते हैं। जिससे आपकी सारी उलझन दूर हो जाएगी। 

कब है चैत्र पूर्णिमा ?
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को रात 3 बजकर 21 मिनट से शुरू हो जाएगा और अगले दिन 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। हिंदू धर्म सूर्योदय का महत्व होता है तो ऐसे में चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। 

चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 
1. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 29 मिनट से लेकर 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। 
2. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। 
3. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 44 मिनट से लेकर 7 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। 
4. निशिता मुहूर्त  रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। 

चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि 
1. चैत्र पूर्णिमा के चैत्र पूर्णिमा में गंगा स्नान करें और उसके बाद विधि-विधान से लक्ष्मी नारायम की पूजा करें। 
2. इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के वस्त्र, फूल और फल चढ़ाएं और मां लक्ष्मी की गुलाबी रंग के वस्त्र, श्रृंगार और फूल अर्पित करें। 
3. यदि हो सके तो घर या ऑफिस में इस दिन सत्यनारायण का कथा कराएं या खुद ही पढ़ें। 
4. इस दिन सूर्य देव की जल अर्पित जरूर करें। 
5. इसके अलावा आप इस दिन व्रत भी रख सकते हो।