UP News: महराजगंज में अपात्रों को आवास देने में निलंबित अफसर की फिर उसी ब्लॉक में तैनाती, मामला गरमाया
उत्तर प्रदेश के महराजंगज जनपद में अपात्रों को आवास देने में जो सचिव तकरीबन दो माह पहले निलंबित हुए थे अब उनकी बहाली उसी ब्लॉक में कर दी गई है। मामले की जनपद भर में खूब चर्चा है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
महराजगंज: निचलौल ब्लॉक के बकुलडीहां गांव में पांच अपात्रों को आवास देने के मामले में जिला विकास अधिकारी करुणाकर अदीब ने दो माह पूर्व ग्राम विकास अधिकारी राजीव रामचंद्रन को निलंबित कर दिया था। इस मामले में 5.10 लाख रुपये रिकवरी और प्रतिकूल प्रविष्टि के बाद रामचंद्रन को बहाल करते हुए पुन: उसी ब्लॉक में तैनाती दे दी गई है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार बकुलडीहा गांव में अपात्रों को आवास देने के मामले में निलंबित होने के बाद विस्तृत जांच के लिए बीडीओ सिसवां को जांच अधिकारी नामित किया गया था।
जांच के दौरान ही पांचों अपात्रों से कुल 5.10 लाख रुपये, जो आवास के किश्त के रूप में गया था, उसकी वसूली कराते हुए उसे सरकारी खाते में जमा करा दिया गया था। जिसके क्रम में जांच अधिकारी ने जांच पूरी करते हुए ग्राम विकास अधिकारी को लघुदंड से दंडित करने की आख्या प्रेषित की थी।
इस मामले में अब ग्राम विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए बहाल कर दिया गया और पुन: निचलौल ब्लाक में ही तैनाती दे दी गई है।
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23 दिसंबर को हुए थे निलंबित
23 दिसंबर को पांच अपात्रों को आवास देने के मामले में सचिव राजीव रामचंद्रन को निलंबित किया गया था।
क्या है नियम
हालांकि नियतम है, कि जिस ब्लाक से ग्राम विकास अधिकारी या फिर ग्राम पंचायत अधिकारी किसी आरोप में निलंबित हो जाते हैं, उनके बहाल होने पर कार्यक्षेत्र बदल दिया जाता है। लेकिन इस मामले में उसी ब्लॉक में तैनाती कार्यप्रणाली पर सवाल है।
बोले जिला विकास अधिकारी
इस मामले में जिला विकास अधिकारी करुणाकर अदीब ने बताया कि निलंबित होने के बाद आमतौर पर ग्राम विकास अधिकारियों का कार्यक्षेत्र बदल दिया जाता है। लेकिन अपवाद स्वरूप राजीव रामचंद्रन की तैनाती पुन: निचलौल ब्लाक में की गई है, साथ ही संबंधित खंड विकास अधिकारी ने भी इनकी मांग की थी।