Waste Management Project: इस राज्य में हुई 2400 करोड़ रुपये की कचरा प्रबंधन परियोजना की शुरूआत, पढ़ें पूरी डिटेल

डीएन ब्यूरो

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को यहां 'मलिन्य मुक्तम नवकेरलम' (कचरा मुक्त केरल) अभियान के दूसरे चरण के हिस्से के तहत 2,400 करोड़ रुपये की केरल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना (केएसडब्ल्यूएमपी) का उद्घाटन किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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कोच्चि: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को यहां 'मलिन्य मुक्तम नवकेरलम' (कचरा मुक्त केरल) अभियान के दूसरे चरण के हिस्से के तहत 2,400 करोड़ रुपये की केरल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना (केएसडब्ल्यूएमपी) का उद्घाटन किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए, विजयन ने कहा कि दक्षिणी राज्य का तेजी से शहरीकरण हो रहा है और उन्होंने ‘कचरा मुक्त केरल’ बनाने के लिए सभी से हाथ मिलाने का आग्रह किया।

विजयन ने कहा, ‘‘कुछ रिपोर्टों के अनुसार, 2035 तक राज्य की कम से कम 90 प्रतिशत आबादी शहरीकृत हो जाएगी। इस संबंध में अवसर और चुनौतियां दोनों हैं। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाना चुनौतियों से निपटने का हिस्सा है।’’

स्थानीय स्वशासन मंत्री एम बी राजेश ने इस समारोह की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री पी राजीव ने वास्तुकार जी शंकर द्वारा विकसित सामग्री संग्रह सुविधाओं (एमसीएफ) और संसाधन पुनर्प्राप्ति सुविधाओं (आरआरएफ) के लिए एक नए डिजाइन का अनावरण किया।

कांग्रेस नेता एवं एर्णाकुलम के सांसद हिबी ईडन ने केएसडब्ल्यूएमपी द्वारा विकसित एक नये शिकायत निवारण तंत्र की शुरूआत की ।

विजयन ने कहा कि एक स्वच्छ राज्य संचारी रोगों को कम करेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

वामपंथी नेता ने आगे कहा कि लक्ष्य 2024 तक केरल को अपशिष्ट प्रबंधन में दुनिया के सामने एक मॉडल बनाना है।

यह महत्वाकांक्षी परियोजना केएसडब्ल्यूएमपी द्वारा विश्व बैंक और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के सहयोग से चलाई जा रही है।

इस बीच स्थानीय निकाय विभाग ने बयान जारी कर कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य की 87 नगर पालिकाएं और छह निगम 300 करोड़ रुपये की उप-परियोजनाएं शुरू करेंगे, जो ठोस कचरा प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए उन्हें मिलने वाले कुल अनुदान का एक-चौथाई है।

इसमें कहा गया है, ‘‘परियोजनाएं विश्व स्तरीय होंगी और एक साल में पूरी हो जाएंगी।’’










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