Waqf Bill: लोकसभा से पास हुआ वक्फ बिल, जानिए क्या होगा आगे?

लोकसभा ने बुधवार को देर रात वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को बहुमत से मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक पर 12 घंटे से अधिक समय तक चली बहस में सरकार और विपक्ष के बीच गरमागरमी का माहौल रहा। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 April 2025, 8:23 AM IST
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नई दिल्ली: बुधवार को देर रात लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को बहुमत से मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक पर 12 घंटे से अधिक समय तक चली बहस में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिला। विधेयक ने 288 मतों के पक्ष में और 232 मतों के विपक्ष में वोट प्राप्त किए। यह विधेयक अब आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लोकसभा के अध्याय में हालांकि, इस विधेयक के समर्थन में बहस के दौरान विपक्ष ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। इस पर एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक को मुसलमानों पर हमला बताते हुए विधेयक की प्रति फाड़ दी।

सरकार ने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह विधेयक उनकी मस्जिदों और दरगाहों को छीनने या धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए नहीं लाया गया है, बल्कि इसे वक्फ संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन के लिए बनाया गया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि यह विधेयक नई अधिसूचना के दिन से प्रभावी होगा और यह सालों से चले आ रहे वक्फ संपत्ति संबंधी कानूनों को अद्यतन करेगा।

विपक्ष ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ कई संशोधन प्रस्ताव भी पेश किए, जिन्हें सदन ने खारिज कर दिया। सरकार के इस कदम पर जदयू, तेदेपा और लोजपा (आर) जैसे राजग के सहयोगी दल पूरी तरह एकजुट दिखे जबकि विपक्ष के स्वर थोड़े बदले-बदले से थे।

राजग के सांसद और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस बिल को पारित करने का समर्थन किया और पुराने विधेयक के मुकाबले इस नए विधेयक में हुई व्यापक चर्चा और विचार विमर्श का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से मुस्लिमों को वोट के लिए गुमराह किया जा रहा है।

रिजीजू ने जोर देकर कहा कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सिर्फ मुसलमानों की भागीदारी होगी और यह बिल मुस्लिम महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग नहीं होने की स्थिति में सरकार इस पर कठोर कदम उठाएगी।

अब इस विधेयक को आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके भविष्य के बारे में फैसला लिया जाएगा। सभी की निगाहें वहां की बहस पर टिकी हुई हैं।

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