नवरात्र स्पेशल: कल से शुरू होगा नवरात्र, सिद्ध मुहूर्त में करें घट स्थापना

डीएन ब्यूरो

कल से नवरात्र शुरू हो रहे है।कल से माता रानी का दरबार सँजने लगेगा।चारों तरफ माँ के ही जयकारे सुनने को मिलेंगे।डाइनामाइट न्युज़ लेकर आया है नवरात्र से जुड़ी सारी जानकारी जो आयेगी आपके बहुत काम।

फाइल फोटो
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नवरात्र स्पेशल: नवरात्र माँ दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का महापर्व है। कल 29 सितम्बर से शुरू होकर अगले नौ दिन यानि 7 अक्टूबर तक ये महापर्व चलेगा।इन दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा हर रोज एक नये रूप के साथ होती है। शक्ति की अराधना के साधकों के लिए ये नौ दिन उनके लिए साधना से सिद्धि के दिन होते है। इन दिनों में साधक साधना कर पुरे साल के लिए शक्ति संचय करते है। इन दिनों में प्रकृति के अंदर भी बहुत सूक्ष्म परिवर्तन होते है,एक तरफ गर्मी विदा होती है, तो वही दुसरी तरफ शरद ऋृतु का आगमन होता है।ऐसे समय में की गई साधना से शरीर भी सधता है और वातावरण के साथ समायोजन भी होता है।

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क्या है नियम
माँ दुर्गा वैसे तो बस भाव की भूखी होती है।पर इन नवरात्रों में विधि विधान से की गई उपासना का अलग ही महत्व होता है।आज संध्या को या कल सुबह ब्रह्म मूहुर्त में स्नान आदि से निवृत होकर मिट्टी की वेदी पर जौ को बोकर संकल्प लेकर कलश,और नारीयल की स्थापना करना चाहिए।फिर जो भी पाठ,स्त्रोत,या जप करना हो उसका संकल्प मन ही मन कर ले।फिर घी की आरती से माँ दुर्गा कि तस्वीर की आरती करनी चाहिए। जितना हो सके दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। अंत में शांति पाठ करते हुए माँ से सबके मंगल की कामना करते हुए अपनी पूजा समाप्त करनी चाहिए।

इन खास बातों का भी रखें ध्यान
1) नवरात्र में जो लोग व्रत रखते है उन्हें अपने खाने पीने में इन दिनों संयम रखना चाहिए।व्रत के दौरान फलाहार पर ही रहना चाहिए।किसी एक समय सेंधा नमक से बनी हुई चीजें लेनी चाहिए।बाहर का खाना व्रत के दौरान नही खानी चाहिए।

2)इन नौ दिनों में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।व्रत की सफलता में इसका बहुत महत्व है।

3)इन नौ दिनों में बाल, दाढ़ी बनवाने से बचना चाहिए।अगर बहुत जरूरी हो तो घर पर ही खुद से बनाना चाहिए।

4)पुरे व्रत के दौरान माँ दुर्गा को यथाशक्ति जो हो सके भोग जरूर लगाना चाहिए।और आरती करके शांति पाठ जरूर करना चाहिए।

5)व्रती को ये संकल्प लेना चाहिए कि वो हमेशा सेवा,उदारता, सहयोग का संकल्प लेगा और अपनी बुराईयों को दूर करने का प्रयास करता रहेगा।

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कलश स्थापना का शुभ मूहुर्त
कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहते है।नवरात्र की शुरूआत घट स्थापना से ही मानी जाती है।घट स्थापना का मतलब माँ दुर्गा का आवाहन भी माना जाता है।अगर संभव हो तो घट के सामने नौ दिनों तक अखंड दीप जलता रहे।
घट स्थापना का समय-
शुभ समय-सुबह 6.01 से 7.24 तक
अभिजीत मुहूर्त- 11:33 से 12:20 तक










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