

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने मंगलवार को शहर की एक सत्र अदालत को बताया कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और इसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पेश की है, उसके विरुद्ध नहीं है।
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने मंगलवार को शहर की एक सत्र अदालत को बताया कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और इसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पेश की है, उसके विरुद्ध नहीं है। लोक अभियोजक ने यह जानकारी दी।
लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की और उसके पिता ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
उन्होंने कहा अदालत ने उनके बयान दर्ज किए और मामला रद्द करने को लेकर पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार करने या नहीं करने पर फैसला छह सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
अदालत ने मामले को रद्द करने से संबंधित दिल्ली पुलिस की अंतिम रिपोर्ट पर चार जुलाई को लड़की और उसके शिकायतकर्ता पिता से जवाब मांगा था।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने 15 जुलाई को सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) मामला रद्द करने की सिफारिश की थी, लेकिन छह अन्य महिला पहलवानों द्वारा दर्ज एक अलग मामले में उनपर यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप लगाए थे।
पुलिस ने नाबालिग पहलवान से संबंधित शिकायत को रद्द करने का आग्रह किया था और कहा था कि 'कोई पुष्ट साक्ष्य' नहीं मिला।
पॉक्सो के तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम तीन साल के कारावास का प्रावधान है, यह इस पर निर्भर करता है कि मामला किन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
दिल्ली पुलिस ने ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर कर दी है। हालांकि अदालत इस पर फैसला करेगी कि इसे स्वीकार किया जाए या आगे की जांच का निर्देश दिया जाए।
सिंह लगातार आरोपों से इनकार करते रहे हैं।
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