Uttar Pradesh: ‘एक देश-एक चुनाव’ राष्‍ट्रीय हित में, सबसे बड़ा फायदा जनता को होगा: कोविंद

डीएन ब्यूरो

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने वाली समिति के प्रमुख व पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में सभी चुनाव एक साथ कराने के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें राष्‍ट्रीय हित है और इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद


रायबरेली: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने वाली समिति के प्रमुख व पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में सभी चुनाव एक साथ कराने के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें राष्‍ट्रीय हित है और इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रायबरेली में एक निजी कार्यक्रम में आये पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में ‘एक देश-एक चुनाव’ का समर्थन करते हुए कहा, ''इसमें कोई भेदभाव नहीं है। इसमें सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होने वाला है क्योंकि जितना राजस्‍व बचेगा, वह विकास कार्यों में लगाया जा सकता है।''

कोविंद ने कहा, ''इस पर बहुत सारी समितियों की रिपोर्ट आयी हैं। संसदीय समिति की रिपोर्ट आयी है, नीति आयोग की रिपोर्ट आयी है। भारत के निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट आयी है और कई समितियों की रिपोर्ट आयी है जिनमें उन्होंने कहा है कि देश में ‘एक देश-एक चुनाव’ की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।''

उन्होंने कहा, ''भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति नियुक्त की है। मुझे उसका प्रमुख बनाया गया है। उसमें और भी सदस्य हैं। हम सब लोग जनता से मिलकर और मीडिया के माध्यम से कुछ (निष्कर्ष) निकालने की कोशिश कर रहे हैं।''

कोविंद ने कहा कि समिति सरकार को सुझाव देगी कि किसी समय देश में लागू रही इस परंपरा को किस तरह पुन: प्रभाव में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जितने भी पंजीकृत दल हैं उन सबसे संपर्क करके उनके सुझाव मांगे हैं और कभी न कभी हर राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने इस पर समर्थन भी किया है।''

उन्होंने कहा, ''कुछ दल (असहमत) हो सकते हैं, लेकिन हम सबसे अनुरोध कर रहे हैं कि आप अपना सकारात्मक सहयोग दीजिए। इससे देश का हित है, इसमें राष्ट्रीय हित का मुद्दा है, इसमें किसी भी राजनीतिक दल का लेना-देना नहीं है।''

पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया कि यह प्रणाली लागू होगी तो देश में जो भी सत्ताधारी दल होगा, उसे इसका फायदा होगा, वह चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो या दूसरे राजनीतिक दल हों।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है और इससे सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होने वाला है।

केंद्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए इसी वर्ष आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं।

इसमें गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह सदस्य हैं।










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